सोमवार को राधना बच्चे को लेेने के बाद कस्बे के एक स्वर्ण व्यवसायी को फोन कर मदद मांगी तो उन्होंने अपने भाई को बाइक लेकर भेज दिया। महिला को स्वर्ण व्यवसायी ने जंगल कौड़िया तक पहुंचाने की बात कही। वहां पर पहले से एक बाइक सवार मौजूद था, जिसके साथ बैठकर महिला घर चली गई। पुलिस के आला अफसरों के आदेश पर सक्रिय हुई पुलिस ने मोबाइल की मदद से रात दस बजे मंझरिया की रहने वाली बिंदु को हिरासत में ले लिया। इसके बाद राधना को घर से उठा लिया। आरोपी महिला के बताने पर कस्बे के स्वर्ण व्यवसायी दोनों भाइयों को भी कस्टडी में ले लिया। महिला के पकड़े जाने की सूचना मिलते ही थाने पर भीड़ लग गई, वहीं सहयोगियों को भी छुड़ाने के लिए नेताओं का भी जमावड़ा लगा हुआ है।
बच्चे की चाहत में चोरनी बनी महिला पकड़ी गई
सरकारी मदद का झांसा देकर आशा वर्कर बनकर डेढ़ महीने के बच्चे को अगवा करने वाली महिला पकड़ी गई। सर्विलांस के जरिए पुलिस ने 12 घंटे के भीतर घटना का पर्दाफाश कर दिया। महिला के मुताबिक उसे बच्चे नहीं थे, जिस वजह से उसने चोरी किया। वहीं पुलिस पूछताछ कर उसकी कहानी की जांच कर रही है। पुलिस ने महिला का साथ देने वाले दो सर्राफा व्यवसायी समेत चार लोगों को भी हिरासत में ले लिया है। पकड़ी गई महिला की पहचान शाहपुर इलाके के खजांची चौक जागृति नगर निवासी राधना के रूप में हुई है।
पूछताछ में सामने आया है कि जागृति नगर के रंजीत गुप्ता से आरोपी राधना एक साल पहले शादी की थी। गाजीपुर की मूलरूप निवासी राधना की पहली शादी अच्छेलाल के साथ हुई थी। बकौल राधना का पति शराबी था, जिस वजह से दो लड़की, एक लड़के को वह छोड़कर चली आई थी। छह महीने गोरखपुर में भटकने के दौरान ही उसकी मुलाकात फल का ठेला लगाने वाले रंजित से हुई थी। जिसके बाद उसके साथ ही रहने लगी। राधना नसबंदी करा चुकी थी और रंजीत के घरवाले मां बनने का दबाव बना रहे थे जिस वजह से उसने चोरी करने का फैसला किया। पीपीगंज के मंझरिया की बिंदु शर्मा से उसकी पुरानी जान पहचान है।