पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद जारी हिंसा को लेकर अब बिहार ने भी कार्रवाई की मांग की है। बिहार के 25 बुद्धजीवियों ने राज्यपाल फागू चौहान को पत्र लिखकर बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद जारी हिंसा को रोकने की मांग की है। इस पत्र की प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी भेजी गई है।
बुद्धिजीवियों की ओर से लिखे गए पत्र में इस बात का उल्लेख है कि बंगाल हिंसा ने संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और भारतीय लोकतंत्र में हमारे दृढ़ विश्वास को झकझोर कर रख दिया है। बंगाल में चुनाव के दौरान और उसके बाद अभी तक 23 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, 3886 लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। राज्य के 3000 गांव हिंसा से प्रभावित हैं। पीड़ितों की संख्या 70 हजार से भी ज्यादा है । हजारों लोग आज भी पड़ोसी राज्य में शिविर में रहने को मजबूर हैं। ऐसे में इन लोगों की घर वापसी और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की जरूरत है।
पत्र के जरिए राज्यपाल से यह भी मांग की गई है कि राज्य सरकार की ओर से हिंसा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। खासकर पुलिस की ओर से पीड़ित व्यक्तियों को कोई मदद नहीं मिल रही है। ऐसे में ये लोग डरे और सहमे हुए हैं। लिहाजा दोषियों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
हिंसा रोकने और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग
बुद्धिजीवियों ने राज्यपाल को लिखे पत्र में जारी हिंसा रोकने की मांग की है। साथ ही आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की अपील की है। वहीं हिंसा के शिकार हुए परिवारों के लिए मुआवजे की भी मांग की है।
अलग-अलग क्षेत्रों के 25 बुद्धिजीवियों ने लिखा पत्र
बिहार के राज्यपाल को पत्र लिखने वालों में अलग-अलग क्षेत्रों के 25 बुद्धिजीवी शामिल हैं। इनमें पद्मश्री से सम्मानित 5 शख्सियत डॉ. नरेंद्र प्रसाद, डॉ. जितेन्द्र सिंह, डॉ. श्याम शर्मा, डॉ. आरएन सिंह और डॉ. विमल जैन हैं। इसके अलावा पूर्व जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद, कथक नित्यांगना और पूर्व IPS शोभना नारायणन, पूर्व थल सेनाध्यक्ष ले. जनरल अशोक चौधरी, IMA के अध्यक्ष डॉ. सहजानंद कुमार और पूर्व डीजीपी डीएन गौतम भी शामिल हैं।