अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर 29 दिसंबर को किसानों के राजभवन मार्च में बड़ी संख्या में राज्य के किसान भाग लेंगे। इसकी तैयारी को लेकर अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में किसान पंचायतों का आयोजन किया गया है। रविवार यानी 27 दिसंबर को किसान प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ के समय देशभर में थाली पीटेंगे और एक जनवरी को संविधान की प्रस्तावना का पाठ कर मांगें पूरी होने तक आंदोलन पर डटे रहने का संकल्प लेंगे।
ये बातें विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने शनिवार को माले कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार-झारखंड के प्रभारी राजाराम सिंह, राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक कुमार सिंह, राज्य किसान सभा के अध्यक्ष ललन चैधरी, किसान-मजदूर विकास समिति जहानाबाद के अनिल सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार सचिव रामाधार सिंह, ऑल इंडिया अग्रगामी किसान सभा के महासचिव अमीरक महतो, राष्ट्रीय किसान मंच के बीबी सिंह, वैद्यनाथ सिंह, चंद्रशेखर प्रसाद, रामजीवन प्रसाद सिंह, प्रभुनारायण राव, आशीष, नन्दकिशोर सिंह, रवींद्रनाथ राय, मणिकांत पाठक, जय किसान मंच के आनन्द ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन का एक महीना पूरे होने पर पूरे राज्य में मोदी सरकार की संवेदनहीनता के खिलाफ किसानों ने धिक्कार दिवस मनाया। एक जनवरी को पूरे देश और बिहार में भी किसान संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे और तीनों कृषि कानूनों को रद्द किये जाने और बिजली बिल 2020 की वापसी तक संघर्ष जारी रखने का ऐलान करेंगे।