बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शासन ही गरीबों का राज है, जबकि लालू प्रसाद यादव ने केवल गरीबों के वोट से परिवार का राज कायम किया। सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 30 करोड़ गरीबों के जनधन खाते खुलवाकर बैंक के दरवाजे गरीबों के खोले, तब लालू प्रसाद यादव ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यही खाते कोरोना और लॉकडाउन के समय गरीबों का सहारा बने। पैसे सीधे उनके खाते में डालकर मदद पहुंचाई गई।
भाजपा सांसद ने कहा कि मोदी सरकार ने बिना जाति-धर्म पूछे 8 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया। बिहार के सभी गावों तक बिजली पहुंचाई गई। गरीबों को घर और शौचालय मिले। किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की सम्मान सहायता देने की शुरुआत भी मोदी सरकार ने की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का शासन ही गरीबों का राज है, लालू प्रसाद ने तो केवल गरीबों के वोट से परिवार का राज कायम किया।
सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद का अहंकार ऐसा है कि ऊंची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले को सही कदम मानने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे कद्दावर नेता की बात नहीं मानी गई। लालू प्रसाद के अहंकार ने रघुवंश बाबू की जीवनरेखा छोटी कर दी और कई वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगा दिया। उन्होने आगे कहा कि पीएम पर टिप्पणी करने वाले लालू खुद आत्ममुग्धता से ग्रस्त हैं, इसलिए अपने शासन काल में हुए 100 से ज्यादा नरसंहार, नक्सलियों को समर्थन देने के कारण बबार्द हुई बिहार की खेती, लालटेन युग में ठहरे गांव और फिरौती-अपहरण के चलते 15 साल में हुआ लाखों लोगों का पलायन उन्हें दिखायी नहीं देता। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने अपराध का राजनीतिकरण किया और सत्ता को सम्पत्ति बनाने के अवसर में बदला। क्या यही गरीबों का राज था कि चपरासी की नौकरी देने के बदले गरीब की जमीन लिखवा ली गई।