भविष्य निधि घोटाले के विरोध में आज से बिजली अभियंता और कर्मचारी दो दिवसीय कार्य बहिष्कार करेंगे। प्रदेश भर में अभियंता व कर्मचारी 18 व 19 नवंबर को उपस्थिति दर्ज कराएंगे, लेकिन काम नहीं करेंगे।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने घोटाले की जांच पर असंतोष जताते हुए प्रदेश सरकार से फिर इस मामले में पावर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन व अन्य आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। सरकार की घोषणा के 15 दिन बाद भी सीबीआई जांच शुरू न होने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई है।
उन्होंने बताया कि कार्य बहिष्कार के दौरान लखनऊ में अभियंता एवं कर्मचारी सुबह 11 बजे शक्ति भवन पर जुटेंगे। आंदोलन के दौरान बिजली का ग्रिड फेल न हो इसलिए बड़े उत्पादन गृहों, 400 केवी विद्युत उपकेंद्रों व सिस्टम ऑपरेशन की शिफ्ट में कार्य करने वाले कर्मचारी व अभियंता कार्य बहिष्कार में सम्मिलित नहीं होंगे। जबकि विद्युत वितरण उपकेंद्रों सहित पारेषण, वितरण व उत्पादन के अन्य सभी कर्मचारी व अभियंता पूरी तरह कार्य बहिष्कार करेंगे।
ऑफीसस एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन
पावर ऑफीसर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन अरविंद कुमार से मुलाकात करके उन्हें ज्ञापन सौंपा और डीएचएफएल में फंसी रकम की गारंटी देने की मांग की। शक्ति भवन में मुलाकात के दौरान चेयरमैन ने आश्वस्त किया कि फंसी रकम जल्द वापस मिलेगी। प्रतिनिधि मंडल में अवधेश कुमार वर्मा, एसपी सिंह, अनिल कुमार, आरपी केन, अजय कुमार और महेंद्र सिंह शामिल थे।