आगरा। पाकिस्तान में बिगड़ रहे हालातों के बीच साल 2004 में हुई हिंसा के बाद बलूचिस्तान से कुछ लोग लॉन्ग वीजा पर भारत आकर रहने लगे थे। इसमें लीलावती और उनका परिवार भी शामिल था जो भारत आकर बस गया था। यहां अलीगढ़ में 15 सालों से रह रही लीलावती ने 6 साल पहले भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था। 6 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार लीलावती को सरकार ने देश की नागरिकता दे दी है। इसके बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है।
लीलावती का जन्म पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। अब जब उन्हें भारत की नागरिकता मिली है तब उनकी उम्र 61 साल की हो चुकी है। उन्होंने साल 2013 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन दिया था। साल 1972 में उनकी रमेश लाल से शादी हुई थी। भारतीय नागरिकता मिलने पर लीलावती ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है।
साल 2004 में 10 हिंदुओं के साथ सभी पाकिस्तान से आकर अलीगढ़ में बस गए थे। लीलावती को भारतीय नागरिकता मिलने के बाद अब इन लोगों को भी नागरिकता मिलने की उम्मीद जागी है।
TOI के अनुसार, लीलावती को तो सरकार ने भारतीय नागरिकता दे दी है, लेकिन अब भी उनके पति रमेश लाल और दो बेटे शंकर लाल, कैलाश कुमार को भारतीय नागरिकता का इंतजार है। शंकर की पत्नी वर्जिना बाई और बेटी पूजा को भी भारतीय नागरिकता अब तक नहीं मिली है।