गौतमबुद्ध नगर जिले में राइट-टू एजुकेशन (आरटीई) के दाखिलों को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग कार्रवाई कर रहा है। विभाग ने शुक्रवार को 200 और स्कूलों को नोटिस जारी कर दिए हैं। जिले में आरटीई के तहत दाखिले को लेकर लगातार निजी स्कूलों की फजीहत हो रही है।
जिले में पहले ड्रॉ में 2100 छात्रों का नाम आया। दूसरे में 1200 से अधिक छात्र पाए गए। बेसिक शिक्षा विभाग के स्तर से सभी पात्र छात्रों को स्कूल आवंटन पत्र जारी कर दिए गए। इन आवंटन पत्रों के आधार पर ही छात्रों को स्कूलो में दाखिला मिल जाता है। मगर जब छात्र दस्तावेज लेकर संबंधित स्कूल पहुंचे तो वहां उन्हें दाखिला देने से साफ मना कर दिया गया।
अब बीएसए धर्मेंद्र कुमार ने छात्रों के दाखिले का पूरा डेटा तैयार करना शुरू कर दिया है। दो दिन में 350 स्कूलों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि छात्रों के दाखिले की क्या स्थिति रही? पात्र छात्रों को दाखिला देने में देरी क्यों की गई?
आरटीई से प्रवेश में धांधली का आरोप
वहीं, आरटीई के तहत दाखिले में सामने आ रही धांधली के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को सपा जिलाध्यक्ष (शिक्षक प्रकोष्ठ) राजेश अंबावता और महानगर अध्यक्ष (छात्र सभा) अतुल यादव के नेतृत्व में सेक्टर-50 स्थित एक स्कूल के बाहर धरना दिया। अंबावता ने आरोप लगाया कि जिले में आरटीई की सीटों पर बेसिक शिक्षा विभाग और स्कूलों की मिलीभगत से सीटों में धांधलेबाजी की गई है।
निजी स्कूल ने महज कुछ सीट ही दिखाई हैं। इस कारण सिर्फ पांच बच्चों को ही आरटीई के तहत दाखिला मिल सकेगा, जबकि वास्तविक आंकड़ा इससे काफी अधिक है। इसकी जांच की जाए।