बिहार की नीतीश सरकार ने दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए बाल हृदय योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 14 बच्चे गुजरात से अपना इलाज करवाकर राज्य वापस लौट आए हैं। इन बच्चों का स्वागत खुद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने किया। उन्होंने बताया कि दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के दूसरे बैच को जल्द ही गुजरात भेजा जाएगा।
दो अप्रैल को हुई थी बाल हृदय योजना की शुरुआत
बच्चों में होने वाली दिल की बीमारी को देखते हुए बिहार सरकार ने सात निश्चय योजना में बाल हृदय योजना को शामिल किया है। दो अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत की थी। इसी दिन 21 बच्चों के पहले बैच को इलाज के लिए हवाई जहाज से अहमदाबाद भेजा गया था। इन बच्चों के लिए सरकार ने अहमदाबाद के प्रशांति मेडिकल सर्विसेज रिसर्च फाउंडेशन के साथ करार किया है।
14 बच्चे लौटे वापस
पांच दिनों में इलाज करवाकर 14 बच्चे अहमदाबाद से सकुशल वापस लौट आए हैं। डाक्टरों ने एहतियात के तौर पर एक बच्चे को अस्पताल में रोक लिया है। वहीं छह बच्चों का फिलहाल इलाज जारी है।
परिजनों ने मुख्यमंत्री को कहा- शुक्रिया
बच्ची का इलाज करवाकर लौटे सीवान के गणेश कुमार ने बताया कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे वो कोई जंग जीतकर आए हैं। उन्होंने कहा कि इलाज में चार से पांच लाख रुपये का खर्च आता जो उनके बस की बात नहीं थी। उन्हें सरकार की इस योजना से काफी लाभ हुआ है। वहीं जहानाबाद के मिथिलेश कुमार ने कहा कि बेटी के इलाज के बाद उनका डर खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें हवाई जहाज से भेजा, अस्पताल में हमारा अच्छी तरह से ख्याल रखा। कुमार ने इसके लिए नीतीश कुमार को शुक्रिया कहा है।