दूसरे विश्वयुद्ध जैसे न हो जाएं हालात, कोरोना के चलते ब्रिटेन में खाने के सामान की भी किल्लत

ब्रिटेन में कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार बढ़ते केसेज से तमाम जरूरी सुविधाओं पर असर पड़ रहा है। वहीं बड़ी संख्या में कर्मचारियों के संक्रमित होने से यहां फूड चेन सप्लाई पर भी पड़ रहा है। आलम यह है कि कई सुपरमार्केट से जरूरी चीजों के गायब होने की खबरें आ रही हैं। डेली मेल ऑनलाइन वेबसाइट पर चल रही खबर के मुताबिक कई जगहों से लोगों ने सुपरमार्केट के खाली रैक की तस्वीरें भेजी हैं। इन तस्वीरों में दिख रहा है कि वहां दूध और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध नहीं हैं। इस बीच ब्रिटिश सरकार भी हालात पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत फूड सप्लाई से जुड़े कर्मचारियों के साथ कुछ अन्य विभागों के कर्मचारियों के सेल्फ आइसोलेशन पर रोक लगाने तक के कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब 10 हजार है। 

नहीं कुछ किया तो बदतर होंगे हालात
ब्रिटेन में चिकेन किंग के नाम से मशहूर रंजीत सिंह बोपारन ने सरकार को चेतावनी जारी की है। उन्होंने सरकार से कहा है कि या तो वो एक्शन ले, या फिर बदतर हालात का सामना करने के लिए तैयार रहे। रंजीत बोपारन ने कहाकि किसी को यह पता नहीं था कि यह खतरनाक समस्या इस तरह से एक साथ आ जाएगी। पैंडेमिक ने हालात को कठिन बना दिया है। बड़ी संख्या में कर्मचारी बीमार पड़ रहे हैं। वहीं कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने के बाद उन्हें क्वारंटाइन में रहना पड़ रहा है। इसके चलते हम चाहकर भी सही समय पर सामान नहीं पहुंचा पा रहे हैं। उन्होंने कहाकि चिकन और टर्की की सप्लाई पर सबसे ज्यादा संकट है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हालात बहुत खराब हैं। 

खाना तो जरूरी, लेकिन सुरक्षा भी बड़ा मसला
वहीं दूध उत्पादों के व्यापार निदेशक फिल लैंगस्लो ने भी इस बात को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहाकि कोरोना के चलते बड़ी संख्या में लॉरी ड्राइवर बीमार पड़ चुके हैं। ऐसे में इस सेक्टर से जुड़े लोगों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। फिल ने कहाकि आधे से ज्यादा डिलीवरी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहाकि इससे पहले ब्रेग्जिट के चलते हम पहले ही फूड सप्लाई के मामले में खराब हालत से जूझ रहे थे। इसके बाद कोरोना के चलते हालात और मुश्किल हो चुके हैं। उन्होंने कहाकि खाने से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं है, लेकिन लोगों की सुरक्षा भी एक बड़ा मसला है। लैंगस्लो ने कहाकि 

घबराकर न करें खरीदारी
वहीं पर्यावरण सचिव जॉर्ज ऑस्टिस कहना है कि हमने 500 महत्वपूर्ण जगहों को चिन्हित किया है। इनमें से 170 सुपरमार्केट डिपो हैं, वहीं ब्रेड और डेयरी कंपनियां भी हैं। यहां और इनसे जुड़ी जगहों पर काम करने वाले कर्मचारी सरकार की योजना का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब 10 हजार होने का अनुमान है। नए नियमों के तहत किसी संक्रमित से संपर्क में आने के बाद इन सेक्टर्स से जुड़े कर्मचारियों के लिए खुद को सेल्फ आइसोलेट करना जरूरी नहीं होगा। इस बीच सुपरमार्केट्स ने लोगों से अपील की है कि वह घबराहट में खरीदारी न करें। बता दें कि मीट, चीज, पानी और शराब जैसी कई महत्वपूर्ण चीजें सुपरस्टोर से गायब हैं। लोगों ने भी इसको लेकर चिंता जाहिर की है। 

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