राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही कम हो रहे हैं, लेकिन ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मरीजों की संख्या अभी कम नहीं हो रही। दिल्ली के अस्पतालों में वर्तमान में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या कोरोना के मरीजों की संख्या से भी अधिक ही गई है। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में ब्लैक फंगस के 752 सक्रिय मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या सिर्फ 521 रह गई है।
जीटीबी और लोकनायक में 8 गुना अधिक मरीज ब्लैक फंगस के
दिल्ली के लोक नायक और जीटीबी जैसे अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या कोरोना के मरीजों से आठ गुना से भी अधिक हो गई है। दिल्ली के लोक नायक और जीटीबी जैसे दो ही बड़े अस्पतालों में ब्लैक फंगस से पीड़ित कुल 281 मरीज भर्ती हैं। इनमें से 153 मरीज जीटीबी और 128 मरीज लोक नायक अस्पताल में भर्ती हैं। इन दोनों अस्पतालों में कोरोना के कुल 32 मरीज ही भर्ती हैं। इनमें से 12 मरीज लोक नायक अस्पताल में हैं और 20 कोरोना मरीज जीटीबी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। इन अस्पतालों में ब्लैक फंगस के कई मरीजों की आंख निकालनी पड़ी है और कई मरीजों के जबड़ों की सर्जरी हुई है।
अस्पताल वार ब्लैक फंगस और कोरोना के मामले
अस्पताल | ब्लैक फंगस के मरीज | कोरोना के मरीज |
जीटीबी | 153 | 20 |
लोकनायक | 128 | 12 |
गंगाराम अस्पताल | 73 | 00 |
राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी | 12 | 01 |
मैक्स, साकेत | 69 | 00 |
फोर्टिस, शालीमार | 19 | 00 |
इन मरीजों को ब्लैक फंगस का अधिक खतरा
- मधुमेह के मरीज में जिन्हें स्टेरॉयड दिया जा रहा है
- कैंसर का इलाज करा रहे मरीज
- अधिक मात्रा में स्टेरॉयड लेने वाले कोरोना से ठीक हुए मरीज
- ऐसे कोरोना संक्रमित जो ऑक्सीजन मॉस्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं
- ऐसे मरीज जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम है।
- ऐसे मरीज जिनके किसी अंग का प्रत्यारोपण हुआ है
ब्लैक फंगस के ये लक्षण नजरंदाज न करें
- नाक बंद होना या नाक से खून या काला-सा कुछ निकलना
- गाल की हड्डियों में दर्द होना, एक तरफ चेहरे में दर्द, सुन्न या सूजन होना
- नाक की ऊपरी सतह का काला होना
- दांत ढीले होना
- आंखों में दर्द होना, धुंधला दिखना या दोहरा दिखना। आंखों के आस-पास सूजन होना