दिल्ली में एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने हाल ही में दो गर्भाशय (Two Uteruses) वाली 30 एक वर्षीय महिला का सफल ऑपरेशन किया। यह एक दुर्लभ स्थिति होती है, जिससे महिलाओं को विशेष रूप से माहवारी के दौरान तेज दर्द होता है।
फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. अमित जावेद ने कहा कि यह स्थिति इतनी दुर्लभ है कि इस साल फरवरी तक दुनिया भर में केवल 60 ऐसे मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि केस स्टडी को जर्नल ऑफ मिनिमल एक्सेस सर्जरी में प्रकाशित करने के लिए स्वीकार कर लिया गया है।
डॉक्टर ने कहा कि इस समस्या के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं है। इस स्थिति के कारण मासिक धर्म के दौरान पीड़ा बढ़ जाती है। माहवारी में पीड़ा को एक सामान्य घटना माना जाता है। महिलाएं प्राय: इसे अनदेखा कर देती हैं और पीड़ा को उसमें पथरी होने का संकेत भी मानती हैं।
महिला रोगी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि रोगी को पिछले एक साल से पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द हो रहा था और माहवारी के समय यह और भी बढ़ जाता था। डॉक्टर उसे दर्द बंद करने वाली दवा की सलाह देते थे और उसे कुछ देर आराम मिलता था।
जावेद ने कहा कि हालांकि, एक डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा जिससे पता चला कि उसे पित्ताशय की पथरी (Gallbladder Stone) हो सकती है और गर्भाशय में एक छोटा फाइब्रॉएड भी हो सकता है। फिर उसे पित्ताशय की थैली हटाने की सर्जरी (Gallbladder Removal Surgery) के लिए हमारे पास भेजा गया।
उन्होंने कहा कि लेकिन पित्ताशय की पथरी में आमतौर पर ऊपरी पेट के दाहिने हिस्से में दर्द होता है, इसलिए हमने एक एमआरआई का आदेश दिया जिससे पता चला कि उसे एसीयूएम है।
जावेद ने कहा कि हमने अतिरिक्त द्रव्यमान को हटाया और सर्जरी में हमने एक खुली तकनीक का उपयोग किया। सर्जरी लैप्रोस्कोपिक रूप से की गई थी। हमें सर्जरी करते समय काफी सावधान रहना पड़ा ताकि उसकी ट्यूब प्रभावित न हो। डॉक्टर ने कहा कि रोगी ठीक हो गई है और उसे अब तक कोई दर्द नहीं हुआ है।