नई दिल्ली- निर्भया के दोषियों की लगातार कई काउंसलिंग के बाद भी उनकी घबराहट कम नहीं हो रही है। ताजा घटनाक्रम में सोमवार को निर्भया के दोषी विनय ने सेल की दीवार पर अपना सिर पटक दिया। गनीमत यह रही कि इसके पहले कि वह जोर से सिर पटकता, उसे सुरक्षाकर्मी ने काबू कर लिया। सिर पटकने से विनय के माथे पर कुछ चोटें आई हैं। जेल प्रशासन इसे मामूली चोट बता रहा है।
जेल सूत्रों का कहना है कि तीसरी बार डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषियों का व्यवहार आक्रामक हो गया है। पहले की तुलना में अब वे आक्रामक व्यवहार करने लगे हैं। उन्हें मामूली बात पर भी गुस्सा आ रहा है। उनका बोलचाल अब पहले की तुलना में काफी कम हो गया है। जेल अधिकारियों का कहना है कि उनके व्यवहार पर पूरी नजर रखी जा रही है। इस घटना के बाद अब अन्य दोषी भी खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करें, इसके लिए सीसीटीवी कैमरे से मिल रहे फुटेज पर एक कर्मचारी हमेशा नजर रख रहा है।
इनके आसपास के माहौल को सामान्य बनाकर रखने की कोशिश की जा रही है। तमाम कोशिशों के बीच दोषियों को सामान्य करने के लिए इनकी लगातार काउंसलिंग की जा रही है। दोषियों को समय-समय पर परिजनों से भी मिलने दिया जा रहा है। ऐसा करने का मकसद दोषियों को सामान्य रखना है। रोजाना दोषियों की स्वास्थ्य जांच भी की जा रही है।
स्वास्थ्य क्यों हैं अहम
बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया है। तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी दिया जाएगा। जेल मैनुअल के हिसाब से फांसी पर लटकाने से पहले दोषी का पूरी तरह स्वस्थ होना जरूरी है। दोषी को शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहिए, ताकि फांसी पर लटकाने से पहले की पूरी प्रक्रिया का वह सामना कर सके। यदि दोषी अस्वस्थ पाया जाएगा तो उसे फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता। गौरतलब है कि फांसी पर लटकाने से कुछ मिनट पहले फांसी घर के सामने दोषी को उसके दोष की पूरी जानकारी और दी गई सजा के बारे में पढ़कर सुनाया जाता है, ताकि उसे उसके किए का पता चले।