यूपी में आने वाले सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट के सैंपल से जीन सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। रेलवे, बस, फ्लाइट से यूपी में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किया जाएगा।
देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब प्रदेश में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी। प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू और बीएचयू में सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सीएम ने आला अधिकारियों को दिए हैं। हालांकि इस साल के प्रारम्भ में ही सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में जीन सीक्वेंसिंग की जांच को शुरू करने का फैसला लिया था। वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान समय से करने के लिए जीन सीक्वेंसिंग की जांच केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी। केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार लैब को एडवांस बनाने के लिए पहले से उपलब्ध संसाधनों के जरिए नई जांच को सबसे पहले केजीएमयू में शुरू किया गया था। संस्थान की जीन सीक्वेंसर मशीन से इस जांच से सिर्फ वायरस के स्ट्रेन की पड़ताल की जाएगी। इसके लिए लैब में कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे।
बीएचयू और केजीएमयू में जीन सीक्वेंसिंग की जांच शुरू
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के साथ ही बनारस के वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में जीन सीक्वेंसिंग की जांच शुरू की गई है। यूपी में अभी तक जीन सीक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल को पुणे और दिल्ली भेजा जाता था पर अब प्रदेश में जांच शुरू होने से प्रदेश के बाहर स्थित दूसरे संस्थानों में सैंपल नहीं भेजने पड़ेंगे। विदित हो कि यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब भी केजीएमयू में शुरू हुई थी।
दो हफ्तों में मिलेगी जीन सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट
अभी तक यूपी में आने वाले यात्रियों की यदाकदा एंटीजन और आरटीपीसीआर जांच कोरोना वायरस की पुष्टि के लिए कराई जा रही थी पर अब प्रदेश के सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर सैंपल से जीनोम सिक्वेंसिंग कर ‘डेल्टा+’ की जांच कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। पॉजिटिव मरीज में कौन सा स्ट्रेन मौजूद है इसकी जांच के लिए जीन सीक्वेंसिंग की जांच को सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। ‘डेल्टा प्लस’ की रिपोर्ट दो हफ्तों में आती है।
11 देशों में पाए गए 197 केस, भारत में आठ
अब तक दुनिया के 11 देशों में 197 केस सामने आए जिसमें ब्रिटेन, भारत, कनाडा, जापान,नेपाल तथा यूएस समेत अन्य देश शामिल हैं। जिसमें भारत में आठ केस की पुष्टि की गई है।