डायबिटीज के रोगियों के लिए दवा के समान है दालचीनी, जानिए कैसे और कितना सेवन करें

भारतीय किचन एक ऐसी जगह है, जहां आपको हर तरह के मसालों का ज़खीरा मिल जाएगा। दालचीनी इन मसालों का बेहद अहम हिस्सा है और ये बाज़ार में आसानी से उपलब्ध भी होता है। ये न सिर्फ खाने का ज़ायक़ा बढ़ाने का काम करती है, बल्कि सेहत के लिए एक औषधि का काम भी करती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री गुण कई तरह की बीमारियों को दूर करने का काम करते हैं। इसके साथ ही यह दिल से संबंधित बीमारियों और इंटेस्टाइन की सेहत के लिए भी लाभदायक होती है।

इंसुलिन का काम करती है ​दालचीनी

जब शरीर में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है, तो शुगर अनियंत्रित हो जाती है। ऐसे में दालचीनी इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके समस्या से छुटकारा दिलाती है। डायबिटीज रोगी को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। दरअसल, इसमें कई औषधीय गुण हैं, जिनमें डायबिटीज को कंट्रोल करने की अच्छी क्षमता है।

एक अध्ययन में पाया गया कि इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में दालचीनी बहुत फायदेमंद है। इससे शरीर में हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट होने में मदद मिलती है। यह शोध जर्नल ऑफ डायबिटीज साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित किया गया था।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

पबमेड सेंट्रल में छपे एक अध्ययन की मानें तो दालचीनी एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर है। यह शरीर को फ्री रेडिकल से होने वाले ऑक्सीडेटिव नुकसान से भी बचाती हैं। एंटीऑक्सीडेंट आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह आपके बालों, त्वचा और मानव शरीर के अन्य पहलुओं को लाभ पहुंचाते हैं।

अल्जाइमर जैसी परेशानी से छुटकारा

ब्रेन सेल्स की संरचना में कोई नुकसान होने से न्यूरोडीजेनेरिटिव की समस्या हो जाती है। अल्जाइमर और पार्किंसन इसके दो सबसे आम प्रकार हैं। दालचीनी में पाए जाने वाले दो यौगिक मास्तिष्क में टाऊ नामक प्रोटीन के निर्माण को रोकते हैं, जो अल्जाइमर की पहचान है। दालचीनी को जानवरों में इस्तेमाल करने से अल्जाइमर और पार्किंसन रोग को ठीक करने में मदद मिली है।

एंटी इंफ्लेमेट्री गुण भी मौजूद

दालचीनी और इसके एंटीऑक्सीडेंट में शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेट्री गुण हैं। जिससे मधुमेह सहित अन्य बीमारियों का खतरा कम किया जा सकता है। एंटीइंफ्लेमट्री गुणों से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य स्थितियों को बढऩे से रोका जा सकता है।

जरूरत से ज्यादा सेवन पड़ सकता है भारी

दालचीनी के ज्यादा सेवन से स्वास्थ्य खराब हो सकता है। रोज दालचीनी खाने से कैंसर और यकृत रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इससे मुंह में घाव, कम ब्लड शुगर लेवल और सांस लेने में समस्या हो सकती है। यदि आप अपने ब्लड शुगर को कम करने के लिए दालचीनी का सेवन शुरू करना चाहते हैं, तो सीलोन दालचीनी का उपयोग करें। डायबिटीज मरीजों के लिए रोजाना इसका 6 ग्राम तक सेवन करना सुरक्षित है।

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