झारखंड में दूसरी लहर में कोरोना कितना गंभीर रहा है, इसका पता लगाया जाएगा। इसके लिए आईसीएमएआर की ओर से राज्य के 17 जिलों में सीरो सर्वे किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि जून के अंत तक सीरो सर्वे किया जाएगा। लेकिन फिलहाल यह फाइनल नहीं हुआ है कि ये 17 जिले कौन से हैं, जहां सर्वे किया जाएगा।
फरवरी में 10 जिलों में हुआ था सर्वे
कोरोना की दूसरी लहर से पहले आईसीएमआर ने राज्य सरकार के साथ मिलकर फरवरी (4 से 26) में राज्य के 10 जिलों में सीरो सर्वे कराया था। सीरो सर्वे में रांची में 2 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पायी गयी थी।
पूर्वी सिंहभूम में 57, पलामू में 31, खूंटी में 21, पश्चिमी सिंहभूम में 24 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी पायी गयी थी। रांची की बात करें तो वार्ड नंबर 4 में एंटीबॉडी मिलने का प्रतिशत काफी कम था, जबकि वार्ड-52 में सबसे ज्यादा।
डॉ अनिंद्या मित्रा कहते हैं कि एंटीबॉडी मिलने का मतलब है कि वह व्यक्ति संक्रमित तो हुआ था, लेकिन लक्षण नहीं होने की वजह से उसे इसका पता नहीं चल पाया। वैसे व्यक्तियों को भी एहतियात बरतना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों में एंटीबॉडी नहीं मिली है, उन्हें तो संक्रमण का खतरा है ही, जिनमें एंटीबॉडी मिली है, उन्हें भी खतरा है, यदि उन्होंने टीका नहीं लिया है।
हाईरिस्क ग्रुप में मिला था ज्यादा संक्रमण
सर्वे में आम लोगों के साथ-साथ हाई रिस्क ग्रुप (स्वास्थ्य कर्मी व फ्रंटलाईन वर्कर) के लोगों का भी सैंपल लिया गया था। जांच में हाई रिस्क ग्रुप के लोगों में ज्यादा एंटीबॉडी मिली। यानी बीते दिनों में हाई रिस्क ग्रुप के लोग ज्यादा संक्रमित हुए थे।
जिलों में संक्रमित हुए लोगों की स्थिति
जिला | हाईरिस्क ग्रुप | कुल |
बोकारो | 65.48 % | 57.65% |
धनबाद | 50.94 % | 47.74% |
दुमका | 56.15 % | 42.36% |
पूर्वी सिंहभूम | 74.39 % | 56.81% |
गढ़वा | 44.76 % | 43.49% |
हजारीबाग | 60.23 % | 54.53% |
खूंटी | 33.05 % | 21.31% |
पलामू | 50.00 % | 31.83% |
रांची | 54.50% | 51.94% |
प. सिंहभूम | 38.29 % | 24.33% |