जेटली का बड़ा बयान: जीवन-यापन से जुड़ी चीजें नहीं होंगी महंगी, श्रीनगर में GST परिषद की बैठक आज

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आने वाली वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर की क्या दर हो, इस पर फैसला करने के लिए जीएसटी परिषद की 14वीं बैठक बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को श्रीनगर में होने वाली है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सभी राज्यों के वित्त मंत्री बैठ कर तय करेंगे कि किस वस्तु या सेवा को जीएसटी के दायरे में रखा जाए और किसको छूट दी जाए। यही नहीं, किस वस्तु या सेवा पर कर की क्या दर हो या उसे किस स्लैब में डाला जाए, इसका भी निर्धारण होगा। सरकार ने हालांकि यह संकेत दे दिया है कि जीएसटी लागू होने पर जीवन यापन से जुड़ी वस्तु एवं सेवाएं महंगी नहीं होंगी।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि किस वस्तु एवं सेवा पर कर की क्या दर हो, इस बारे में केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अढिया की अगुवाई में सभी राज्यों के प्रधान सचिव (वित्त) की बैठक हो चुकी है। श्रीनगर में 18 एवं 19 मई को होने वाली परिषद की बैठक में सिर्फ औपचारिकता भर शेष है, इसलिए इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।

स्लैब की घोषणा पर संशय
एक अधिकारी का कहना है कि वस्तु एवं सेवाओं पर कर की दर के स्लैब तो श्रीनगर की बैठक में तय हो जाएंगे, लेकिन इसकी घोषणा वहां नहीं भी हो सकती है। यदि ऐसा हुआ तो फिर जीएसटी लागू होने से कुछ दिन पहले स्लैब को घोषित किया जाएगा।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि जीएसटी के तहत तय की जाने वाली टैक्स की दरें वस्तुओं और सेवाओं पर कर की मौजूदा दरों से बहुत अलग नहीं होंगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी पिछले दिनों कहा था कि नई जीएसटी व्यवस्था में कर की दरें किसी को नहीं चौंकाएंगी। उन्होंने कहा था कि दरें तय करते समय किसी तरह का हैरान करने वाला फैसला नहीं लिया जाएगा।

दरें तय करने के लिए वोटिंग की नौबत नहीं आएगी

केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अढिया का कहना है कि जीएसटी परिषद की अब तक 13 बैठकें हो चुकी हैं। लेकिन किसी भी बैठक में किसी मुद्दे पर वोटिंग कराने की आवश्यकता नहीं पड़ी। सभी राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व कर रहे सभी राज्यों ने जीएसटी के ढांचे को सहमति प्रदान की है। इसलिए लग रहा है कि इस बार भी वोटिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जहां तक परिषद का सवाल है तो उसका मानना है कि कर की निचली दरों से जो भी बचत हो रही है, उसे उपभोक्ताओं तक हस्तांतरित अवश्य किया जाना चाहिए।

कौन सी वस्तु किस स्लैब में
किस स्लैब में कौन सी वस्तुएं आएंगी, इस सवाल पर अढिया का कहना है कि इस बात का खुलासा तो श्रीनगर की बैठक के बाद ही होगा, लेकिन इतना मान कर चलें अभी जिस वस्तु पर जो भी अप्रत्यक्ष कर की दर पड़ रही है, उसी के आसपास जीएसटी का भी स्लैब होगा। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि गरीब की थाली महंगी नहीं होगी, क्योंकि जीवन जीने के लिए जो भी अनिवार्य वस्तुएं होंगी, उसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

मंत्रालय में खूब आ रहे हैं अनुरोध
मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय के पास इस समय उद्योग संगठन से लेकर आम नागरिकों के खूब अनुरोध आ रहे हैं कि अमुक चीज को अमुक स्लैब में रखें तो अमुक चीज को बाहर। सरकार कुछ सामानों और सेवाओं को जीएसटी से एक्जेम्ट श्रेणी में तो रखेगी लेकिन उसकी सूची छोटी होगी। उम्मीद है कि यह एक सौ के आसपास होगी। फिलहाल केंद्र सरकार 299 और राज्य सरकारें 99 वस्तुओं को टैक्स में छूट देती हैं। इस सूची में नमक, फल, सब्जियां, दूध, अंडा, चाय, कॉफी, चावल, दाल, आटा आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं को शामिल किया जा सकता है। इसी तरह कुछ सेवाओं को भी छूट मिल सकती है। इस समय 100 से ज्यादा सेवाओं पर सेवा कर देय नहीं है। इनमें से अधिकतर सेवाओं पर आगे भी छूट मिलते रहने की संभावना है।

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