बाढ़ का पानी खत्म होते ही जब गाड़ियों का परिचालन आरंभ हुआ तो इस पुल के दोनों किनारों पर दलदल होने और पानी के कटान से लगभग एक से डेढ़ फीट तक गड्ढा बन गया है। नम मिट्टी भी धंसती गई और खतरनाक गड्ढ़े बन गए। इसे दुरुस्त करने के लिए वाहन चालकों की तरफ से मिट्टी और ईंट के टुकड़े भी डाले गए, लेकिन यह दोनों किनारों से कट गया है। शेष हिस्सा भी प्रतिदिन टूट रहा है। पुल के दोनों ओर की मिट्टी वाहनों के दबाव से धंसती जा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यहां कभी भी यात्रियों से भरे सवारी वाहन नदी में गिर सकते हैं और बड़ा हादसा हो सकता है। इलाके के लोगों ने इस समस्या को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारी तथा जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कार्य नहीं हो सका है। ऐसे में खतरा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में पीडब्लूडी के अवर अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि पुलिया के पास मिट्टी धंसने की बात मेरे संज्ञान में है। बहुत जल्द यहां कार्य होगा और समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगा।