आंदोलनकारी जाट और सरकार आर पार की लड़ाई के मूड में हैं। इसके लिए एक ओर दिल्ली बॉर्डर सील कर दिया गया है, वहीं सेना ने भी तैयारी कर ली है। राज्य सरकार और जाट नेताओं के बीच वार्ता विफल होने के बाद अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले लामबंद जाटों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है।
उधर हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश के सभी रास्तों को सील कर दिया गया है। आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स की 50 कंपनियों ने मोर्चा संभाल लिया है। हरियाणा के सभी जिलों में तमाम सार्वजनिक स्थलों पर, नेशनल हाइवे और रेलवे लाइनों की सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने एनसीआर में रविवार रात 11.30 बजे के बाद से अगले आदेश तक मेट्रो सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
जाटों का रोकने के लिए युद्ध स्तर पर की गई है तैयारी
समिति के दिल्ली कूच के एलान से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने युद्धस्तर की तैयारी की है। एहतियात के तौर पर अर्द्धसैनिक बलों के 125 कंपनियों के साथ-साथ रोहतक, हिसार, कैथल, जींद, भिवानी और झज्जर सहित कई जिलों में सेना बुला ली गई हैं।
सेना की कुछ कंपनियां रविवार सुबह तक इन शहरों में पहुंच जाएंगी। जबकि कुछ कंपनियों ने शनिवार रात तक मोर्चा संभाल लिया था। पुलिस प्रशासन की तरफ से दिल्ली बॉर्डर के जिलों में जगह-जगह पर नाकेबंदी की गई है। सेना के जवानों को अति संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।
उधर, समिति ने अपने फैसले में कोई बदलाव न करते हुए कहा कि जब तक केंद्र सरकार की मध्यस्थता नहीं होती है, पूर्व निर्धारित दिल्ली कूच के लिए जाट आंदोलनकारी रवाना होंगे।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि दिल्ली कूच के लिए पहले की तरह धरना स्थलों से लोग रवाना होंगे। रास्ते में उन्हें रोक दिया जाता है तो वहीं पर धरने पर बैठ जाएंगे, लेकिन इस दौरान शांतिपूर्ण धरने होंगे।
सीसीटीवी, ड्रोन से रखी जाएगी निगाह
जाटों के दिल्ली कूच के एलान के मद्देनजर सुरक्षा के लिए युद्धस्तर की तैयारियां की गई हैं। किसी भी हालात को बिगड़ने से रोकने के लिए न केवल पुलिस, अर्द्धसैनिक बल, सेना की तैनाती की जा रही है बल्कि उन पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे, वीडियोग्राफी, ड्रोन का सहारा लिया जाएगा। इस दौरान हाईवे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। सुरक्षा बल हालात को नियंत्रित करने के लिए यहां मुस्तैद रहेंगे।
सफर करने पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियां होंगी इंपाउंड
प्रदेश के हिंसा की आशंका वाले जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इस दौरान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवारी करने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। अगर, किसी ट्रैक्टर ट्रॉली में सफर करते हुए कोई पाया गया तो वाहनों को इंपाउंड कर लिया जाएगा। खासकर दिल्ली सीमा में प्रवेश न कर सके, इसके लिए दिल्ली-एनसीआर में मुस्तैदी और बढ़ा दी गई है।
आधुनिक उपकरणों का होगा इस्तेमाल
दिल्ली कूच से निपटने की तैयारियां में जुटे अधिकारी दावा कर रहे हैं कि इस दौरान न हाईवे पर आवागमन रुकेगा और न ही ट्रेन सेवाएं प्रभावित होंगी। इसके लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। सभी जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी प्रदेश के आला अधिकारियों के संपर्क में हैं। सरकारी संपत्तियों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए माकूल इंतजाम किए गए हैं। कैरियर लिंक्ड चैनल (सीएलसी) की सुरक्षा के लिए कर्मियों को मुस्तैद किया गया है।
आज रात 11:30 से दिल्ली बॉर्डर तक ही चलेगी मेट्रो
एनसीआर में रविवार रात 11:30 बजे से अगले आदेश तक मेट्रो की सेवाएं बंद रहेंगी। रात आठ बजे से दिल्ली के 12 स्टेशनों से मेट्रो लेने और बाहर निकलने की सुविधा भी बंद रहेगी। हालांकि इन 12 स्टेशनों से इंटरचेंज की व्यवस्था रहेगी।
दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) ने कहा है कि यह व्यवस्था पुलिस की ओर से नया निर्देश नहीं मिलने तक जारी रहेगी। डीएमआरसी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने एनसीआर के मेट्रो स्टेशन बंद रखने को कहा है।
इससे एनसीआर के अलग-अलग शहरों के कुल 22 मेट्रो स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्री प्रभावित होंगे। ब्लू लाइन (लाइन 3 व 4) पर गाजियाबाद के कौशांबी और वैशाली मेट्रो स्टेशन बंद रहेंगे। इसी तरह नोएडा के छह स्टेशन, गुरुग्राम के पांच और फरीदाबाद के कुल नौ स्टेशन बंद रहेंगे।
जाटों को दिल्ली पहुंचने से रोकें राज्य
जाटों के प्रदर्शन से पूर्व केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस और पड़ोसी राज्यों से कहा है कि वे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली की सीमा तक पहुंचने से रोकें। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में दिल्ली पुलिस के साथ ही हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से जाटों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए धारा 144 लागू करने को कहा गया है।
एडवाइजरी में कहा गया है, ‘प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में पहुंचने से पहले गिरफ्तार किया जाए या हिरासत में लिया जाए। प्रदर्शनकारियों को ले जाने वाली बसों को राजमार्गों पर आने की अनुमति नहीं दी जाए और ट्रैक्टर ट्राली की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया जाए।’ गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने जाटों की धमकी के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा हालात की समीक्षा भी की है।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति का बुधवार को इन चारों राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ जायजा लिया था।