अब डीएल बनवाना और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराना महंगा हो गया है। यह वृद्धि दोगुने से लेकर छह गुना तक की गई है। बढ़ी हुई दर शनिवार 7 जनवरी से लागू हो गई है। ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करने के अलावा लर्निंग लाइसेंस बनवाना भी महंगा हो गया है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 29 दिसंबर को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। उल्लेखनीय है कि आरटीओ में होने वाले कार्यों की फीस में बढ़ोतरी 1989 में आखिरी बार हुई थी। अब इतने सालों के बाद सरकार ने फीस को काफी बढ़ा दिया है।
रजिस्ट्रेशन के अलावा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट समय पर नहीं कराने पर प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी जो कि रेग्युलर चार्ज के अलावा होगा। इसके अलावा, भारी वाहनों का मैन्युल फिटनेस टेस्ट कराने पर 600 रुपये देने होंगे। ऑटोमेटेड टेस्ट पर 1000 रुपये फीस देनी होगी। कार का फिटनेस टेस्ट कराने में क्रमशः 400 व 600 रुपये की फीस देनी होगी
रजिस्ट्रेशन के अलावा वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट समय पर नहीं कराने पर प्रतिदिन के हिसाब से 50 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी जो कि रेग्युलर चार्ज के अलावा होगा। इसके अलावा, भारी वाहनों का मैन्युल फिटनेस टेस्ट कराने पर 600 रुपये देने होंगे। ऑटोमेटेड टेस्ट पर 1000 रुपये फीस देनी होगी। कार का फिटनेस टेस्ट कराने में क्रमशः 400 व 600 रुपये की फीस देनी होगी
लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए जहां पहले लोगों को प्रति वाहन के हिसाब से 30 रुपये फीस देनी होती थी। अब यह फीस 200 रुपए हो गई है। इसमें 150 रुपए लर्नर लाइसेंस फीस और 50रुपये टेस्ट फीस के लगेंगे। टेस्ट में फेल होने पर फिर से फीस भरनी होगी।
पहले टेस्ट में फेल होने पर दोबारा टेस्ट देने पर कोई फीस नहीं लगती थी। इसके अलावा स्थायी लाइसेंस के लिए 250 रुपए फीस थी, अब इसके लिए 700 रुपये देने पड़ेंगे। इसमें 200 रुपये लाइसेंस जारी करने के लिए, 200 रुपये स्मार्ट कार्ड के लिए और 300 रुपये ड्राईविंग लाइसेंस फीस होगी।
अब लाइसेंस को रिन्यू कराने के लिए भी फीस को 300 रुपये कर दिया गया है। अगर लाइसेंस को बनवाने में एक साल की भी देरी हुई तो प्रत्येक साल के हिसाब 1000 रुपये देने होंगे।