सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए बसपा के साथ राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल का गठबंधन हुआ है। उलेमा काउंसिल बसपा को बाहर से समर्थन देगी। ये बातें शनिवार को सिधारी स्थित एक होटल में पत्रकारों से राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना ताहिर मदनी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों को पनपने न देने को लेकर उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर रशादी और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के बीच सहमति बनी है। इसी को लेकर बसपा से उलेमा काउंसिल का गठबंधन हुआ है।
भाजपा का राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बाद भी वह आरक्षण को समाप्त करने की बात कर रही है, अगर बहुमत मिल गया तो स्थिति खराब हो सकती है। सांप्रदायिकता और गुंडागर्दी को रोकना हमारा लक्ष्य है।
इस मौके पर बलिहारी बाबू, जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, उलेमा काउंसिल के जिलाध्यक्ष हाजी शकील अहमद आदि उपस्थित रहे।