गोरखपुर मेडिकल कालेज में जो हृदय विदारक घटना घटना उससे कोई संदेह नही कि योगी सरकार दोषी नही है,लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का मौतों पर दिए गए आंकड़ा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
अब आप सरकार के महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा डा.ए.के.गुप्त ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर मेडिकल कालेज को पांच अगस्त को ही 3.86 करोड़ रुपए मिल गये थे।
कालेज प्रशासन ने इसमें से काफी कम राशि खर्च की थी। करीब दो करोड़ रुपए उसके पास अभी भी बचे हुए थे। इसके बावजूद ऑक्सीजन के 69 लाख रुपयों का भुगतान नहीं किया गया।
दो दिन पहले सीएम को क्यों कुछ नहीं बताया प्राचार्य ने
डीजीएमई ने यह भी कहा कि दो दिन पहले ही मेडिकल कालेज आये सीएम योगी आदित्यनाथ ने यहां की समस्याओं के बारे में उनसे जानने की बहुत कोशिश की लेकिन प्राचार्य ने ऑक्सीजन के भुगतान के बारे में एक शब्द बात नहीं की।
कम्पनी के करार को लेकर था कन्फ़यूजन-
मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म के साथ करार को लेकर भी भारी कन्फ़यूजन था। मेडिकल कालेज प्राचार्य का बार-बार कहना था कि कम्पनी के साथ करार के मुताबिक वह किसी भी परिस्थिति में ऑक्सीजन की सप्लाई रोक नहीं सकती लेकिन असल में यह शर्त करार में थी ही नहीं। आरोप है कि प्राचार्य इसी शर्त की गफलत में कम्पनी के रिमाइंडरों को नजरअंदाज करते रहे।
18 जुलाई को प्राचार्य को लिखे अपने पत्र में आक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के दीपाकंर वर्मा ने यहां तक लिखा था कि 57.44 लाख बकाया होने के चलते INOX कम्पनी ने गैस सप्लाई बाधित करने की सूचना दे दी है। जब तक हम INOX कम्पनी को 40 लाख रुपए का भुगतान नहीं करेंगे तब तक कम्पनी हमें गैस की सप्लाई नहीं देगी।
इस चिट़ठी में फर्म ने यहां तक याद दिलाया था कि जनहित में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन गम्भीर रोगियों के लिए अति महत्वपूर्ण है।
एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार बिल प्रस्तुत करने के 15 दिन के अंदर भुगतान होना था लेकिन शर्तों के अनुसार भुगतान नहीं हुआ। इसमें छह-छह महीने की देर की जा रही थी।
आनन-फानन में कर दिये लाखों के भुगतान
आक्सीजन खत्म होने के बाद मासूमों की मौत का सिलसिला शुरू हुआ तो जा मेडिकल कालेज
प्रशासन महीनों से भुगतान पर कुंडली मारकर बैठा था उसी प्रशासन ने 114 नर्सों के 78 लाख और आक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म के 52 लाख रुपयों का तुरंत भुगतान कर दिया। यूपी के गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में 60 बच्चों की दर्दनाक मौत पर यूपी सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि ऑक्सजीन सप्लाई की कमी के कारण बच्चों की मौत नहीं हुई है. यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शनिवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ घंटों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई जरूर बाधित हुई थी, लेकिन मौत का कारण गैस सप्लाई में बाधा नहीं है.
आकड़ो के बाजीगर बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगस्त के महीन में बच्चों की मौतें होती रही हैं. उन्होंने कहा कि अगस्त 2014 में 567 बच्चों की मौत हुई थी. मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लास्ट स्टेज में लाया जाता है. गैस सप्लाई जरूर रात 11.30 से सुबह के 1.30 बजे तक बाधित हुई थी, लेकिन उसके बाद गैस सिलिंडर से सप्लाई जारी है. पाइप के द्वारा सप्लाई की जाने वाली लिक्विड गैस का प्रेशर लो होने के बाद सिलिंडर से सप्लाई जारी है. 10 तारीख को सुबह 7.30 से 10.05 बजे तक 7 बच्चों की मौत हुई, लेकिन ये मौतें गैस सप्लाई के कारण नहीं हुई थी. इनमें कई मौत AES, इंफेक्शन, लीवर फेल के कारण हुई थी.’ उन्होंने कहा, ‘अस्पताल में बिहार और नेपाल से भी बच्चों को लाया जाता है.’