सर्द हवाओं के साथ ही गलन बढ़ने से जनजीवन बेहाल है। बुधवार को धूप निकलने के बावजूद लोग ठंड से लोग कांपते देखे गए। शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा फैल गया। बुधवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री तथा न्यूनतम सात डिग्री रिकार्ड किया गया। गलन बढ़ने से एकबारगी गर्म कपड़ों की मांग फिर से बढ़ गई है। ठंड से अब तक सात लोग काल के गाल में समा चुके हैं। इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थलों पर अलाव नहीं जलवाए जा सके हैं। सुबह, शाम ट्यूशन जाने वाले छात्रों को आने जाने में दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है।
तड़के से ही सर्द हवा के चलने से लोग देर तक घरों में ही दुबके रहे। सुबह भगवान भास्कर का उदय हुआ, लेकिन गलन बढ़ने से धूप बेअसर साबित हो रही है। सुबह और शाम के समय रिक्शा, ठेला, खोमचा चलाने वाले तथा फुटपाथ पर जिंदगी गुजारने वालों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। फुटपाथ पर दूकान लगाने वाले कुछ घंटे बाद ही दूकान बंद करने के लिए मजबूर हो जा रहे हैं। देर रात तक चहल पहल रहने वाले बाजारों में शाम सात बजे तक सन्नाटा पसर जा रहा है।अब तक ठंड से सात लोगों मौत हो चुकी है।
इसके बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने के मामले में प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। ठंड बढ़ने से गर्म कपड़ों की खरीदारी के लिए दूकानों पर एक बार फिर भीड़ लगने लगी है। उधर खेतों में काम करने वाले किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। दिन रात के शेड्यूल लागू होने से किसानों को जान जोखिम में डालकर रात में फसलों की सिंचाई तथा गन्ना पेराई करनी पड़ रही है। एक बीघे की सिंचाई करने में कई दिन लग जा रहा है। लोग दिन में ही पर्याप्त बिजली आपूर्ति किए जाने की मांग कर रहे हैं बावजूद अधिकारी शासन का फरमान बताकर मामले से पल्ला झाड़ ले रहे हैं।