गर्व की बात : भारत का इस क्षेत्र में इतना बूता कि वैश्‍विक बाजारों में कर सकता है आपूर्ति

कोलकाता। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि भारत वैश्विक बाजारों में बीज की आपूर्ति कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में बीज उत्पादन 60 के दशक के दौरान 40 लाख कुंटल से भी कम था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 370 लाख क्विंटल हो गया। कोलकाता में इंडियन सीड कांग्रेस – 2017 के उद्घाटन के मौके पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि किसानों के समग्र और दीर्घकालिक विकास के लिए केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय किसान नीति तैयार कर ली है जिसका उद्देश्य कृषि विकास क्षमता को गति देना है।gaumata-300x258

सीड कांग्रेस का विषय है ‘सीड ऑफ ज्वा्य’ जो वर्ष 2022 तक कृषि आय दोगुना करके किसानों के जीवन में खुशी और समृद्धि लाने के सरकार के दृष्टिकोण से मेल खाता है।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारतीय बीज मंडी का तेजी से विकास हो रहा है तथा हाल ही में सब्जियों और अनाजों की संकर बीज मंडी में काफी विकास हुआ है। सिंह ने कहा, “भारतीय बीज उद्योग वैश्विक बाजारों में बीज की आपूर्ति करने वाला एक प्रमुख उद्योग बन सकता है।

भारत के पास अन्य देशों की तुलना में सस्ती लागत पर अधिक मूल्य वाले सब्जी बीजों के विशेष संदर्भ में संकर बीज उत्पादन की भारी क्षमता है। सब्जियों के अलावा, संकर मक्का, धान, बाजरा और कपास के बीजों को एसईआई और अफ्रीकी देशों में निर्यात करने की भारी क्षमता है।”

केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस मौके किसानों की आय दोगुनी करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के निर्धारित 7 सूत्री कार्यक्रम पर जोर दिया।

– ‘प्रति बूंद, अधिक फसल’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारी बजट के साथ सिंचाई पर पर्याप्त ध्यान देना ।

– प्रत्येक खेत की मृदा के गुणवत्ता के आधार पर अच्छे बीजों और पोषक तत्वों की व्यवस्था करना।

 – कटाई के पश्चात फसल को होने वाली हानि रोकने के लिए वेयर हाउसिंग और शीत श्रृंखलाओं में भारी निवेश को बढ़ावा देना ।

– खाद्य प्रसंस्करण के जरिए मूल्य वर्धन (वैल्यू एडिशन) को बढ़ावा देना।

– 585 केंद्रों पर कमियां दूर करते हुए राष्ट्रीय कृषि मंडी और ई-प्लेटफार्म खोलना।

– वहन करने योग्य लागत पर जोखिम कम करने के लिए नई फसल बीमा योजना लागू करना।

– कुक्कुकट पालन, मधु मक्खी पालन और मछली पालन जैसे सहायक कार्यकलापों को बढ़ावा देना।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com