मेरठ जिले में शनिवार ब्लैक फंगस के नौ नए मरीज मिले हैं। इनमें से चार की मौत हो गई। इसी दौरान कोरोना के 394 मरीज मिले, जिनमें से 14 और की जान चली गई। कुल 18 मरीजों की मौत हुई है। 11 मौत मेडिकल कॉलेज में और सात निजी अस्पतालों में हुईं। स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से अब तक 669 लोगों की मौत होना बता रहा है।
ब्लैक फंगस के अब तक 96 मरीज़ मिल चुके हैं। इनमें से स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में 93 मरीज़ हैं। तीन मरीज़ निजी चिकित्सकों के यहां आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ब्लैक फंगस के 9 लोगों की मृत्यु बता रहा है। 29 की छुट्टी हो चुकी है।
ऑन रिकॉर्ड 55 एक्टिव केस हैं। नए मरीज़ों में पांच मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुए हैं और एक न्यूटिमा में। मरीज मेरठ, सहारनपुर और हापुड़ के हैं। न्यूटिमा के एमडी डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि उनके यहां मेरठ निवासी मरीज मनोज की मौत हुई है।
मेडिकल के कोविड अस्पताल प्रभारी डॉ. धीरज ने बताया कि उनक यहां चार मरीजों की मौत हुई है। तीन मरीजों मेरठ निवासी कालू और संजीव के अलावा सहारनपुर के राजेंद्र को ब्लैक फंगस की पुष्टि हो चुकी थी। एक संदिग्ध मरीज़ हापुड़ की थी। उधर, डॉ. पुनीत भार्गव ने बताया कि उनके क्लीनिक पर तीन नए केस आए थे, उन्हें अभी भर्ती नहीं किया गया है।
इस बीच शनिवार को कोरोना के 8761 सैंपल की जांच की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में भी 3213 लोगों की जांच की गई, जिसमें से115 पॉजिटिव निकले। इनमें 29 को एंटीजन और 86 को आरटीपीसीआर में पुष्टि हुई।
ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए कल से ओपीडी की तैयारी
ब्लैक फंगस के मरीज़ों के लिए सरकारी अस्पतालों में सोमवार से ओपीडी शुरू करने की तैयारी है। ईएनटी चिकित्सक ओपीडी में इन मरीजों का इलाज करेंगे। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि ओपीडी कहां शुरू की जाएगी, इस पर निर्णय लिया जा रहा है।
50 प्रतिशत इंजेक्शन निजी अस्पतालों के लिए मिलें
ब्लैक फंगस के उपचार में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसके चलते निजी अस्पताल में इलाज करा रहे मरीज और चिकित्सक परेशान हैं। दरअसल, इस इंजेक्शन की बिलिंग 31 मई तक सिर्फ केंद्र और राज्य सरकार को करने के निर्देश हैं।
इस संबंध में ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश चंद गुप्ता और महामंत्री रजनीश कौशल ने सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखा है। पत्र में मांग की गई है कि जो भी इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएं, इनमें 50 प्रतिशत इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों को दिए जाएं और बाजार में उपलब्ध कराए जा रहे 50 प्रतिशत इंजेक्शन निजी अस्पतालों के लिए सुरक्षित हों।
मेडिकल में 31 मरीजों का चल रहा इलाज
मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में कोरोना के 199 और ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) वार्ड में 34 मरीज भर्ती हैं। ब्लैक फंगस के 17 मरीज पॉजिटिव तथा 17 निगेटिव हैं। दो मरीज संदिग्ध हैं। इन मरीजों के लिए दवाइयों और इंजेक्शन का पर्याप्त इंतजाम है। प्रधानाचार्य डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि 22 मई को कोविड 19 से ग्रसित छह नए मरीज भर्ती हुए हैं।