काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का दरबार हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। सवा दो महीने बाद दर्शन पूजन की पुरानी व्यवस्था लागू होने से नियमित दर्शनार्थियों में खुशी की लहर है। रविवार को मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकॉल के साथ गर्भगृह में प्रवेश मिला। श्रद्धालुओं ने सवा दो महीने के लंबे अंतराल के बाद बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक किया।
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिर में पूर्व की भांति ही व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसमें मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा जो जल चढ़ा सकेंगे। उन्होंने बताया कि काशीवासियों की अटूट श्रद्धा और उनकी मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दर्शन पूजन के दौरान सभी श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है।
बता दें कि कोरोना वायरस के दूसरे संक्रमण के दौर में बाबा दरबार में दर्शन पूजन प्रतिबंधित कर दिया गया था। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु हित में रविवार से नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था के तहत अब श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे। अब तक गर्भगृह के बाहर से झांकी दर्शन और बाहर से ही जलाभिषेक की व्यवस्था लागू थी।
वहीं शासन की ओर से जारी पत्र के बाद वीकेंड लॉकडाउन में भी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर में 15 अप्रैल से बाबा दरबार एवं अन्नपूर्णा मंदिर आने वाले भक्तों को तीन दिन पूर्व का आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया गया था। हालांकि 8 जून से कुछ शर्तों के साथ आम भक्त भी बाबा दरबार और मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन करने लगे थे। हालांकि, इसके बाद भी गर्भगृह में प्रवेश और पूजन पर प्रतिबंध था