नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की बैट टुकड़ी के जवानों को मारकर उसके नापाक इरादों की कलई खोल दी है। बैट टीम के जवान उस वक्त मारे गए जब यह भारतीय चौकी पर हमले की फिराक में थे। आपको बता दें कि पाकिस्तान सेना की बैट यानी बॉर्डर एक्शन टीम को सबसे अधिक खूंखार माना जाता है। इसकी वजह है कि यह टुकड़ी जवानों के शवों को क्षत-विक्षिप्त करने के लिए बदनाम है। ऐसा करते हुए वह क्रूरता की सभी सीमाओं को भी पार कर जाती है। यह टुकड़ी भारतीय सेना के जवानों के सिर काटने जैसी क्रूर हरकत भी कर चुकी है। आपको बता दें कि इससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर में भी बैट टीम ने नोगाम सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसमें दो बैट जवान मारे गए थे। अक्टूबर 2018 में भी इस तरह की कोशिश में इस टुकड़ी के दो जवानों को ढेर किया गया था। फरवरी 2018 में भी इस तरह की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए भारतीय सेना के दो जवान घायल हो गए थे जबकि सेना की वर्दी पहने एक आतंकी को मार गिराया गया था।
इस टुकड़ी का गठन पाकिस्तान के स्पेशल सर्विस ग्रुप के तहत किया गया है। इसके सदस्यों को पाकिस्तान सेना के अलावा पाकिस्तान एयर फोर्स भी ट्रेनिंग देती है। घुसपैठ या भारतीय चौकियों पर हमला करने के दौरान इस टुकड़ी के सदस्य ज्यादातर पाकिस्तान सेना की आम फौजी ड्रेस ही पहनते हैं। इसकी वजह बैट कमांडो के तौर पर अपनी पहचान छिपाना होता है।
इस टीम में पाकिस्तानी सेना के कमांडो के साथ ही आतंकवादी भी शामिल होते हैं। यह टीम छापामार युद्ध में भी पारंगत होती है और स्पेशल ग्रुप के साथ काम करती है। इस टुकड़ी का काम जितना संभव हो भारतीय सीमा के अंदर हमलों को अंजाम देना होता है। इस टीम में आतंकियों की मौजूदगी की एक वजह ये भी है कि इनके मारे जाने या पकड़े जाने की स्थिति में पाकिस्तान आसानी से कह सकता है कि यह उनके जवान नहीं हैं। इनका दूसरा काम आतंकियों को सुरक्षित घुसपैठ कराने के लिए उन्हें कवर फायर देना भी होता है।
इस टुकड़ी में शामिल हर जवान और आतंकी को को सेना की तरफ से आठ महीने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कड़ी चुनौतियों से निपटने की जानकारी दी जाती है। इसके अलावा इस टुकड़ी के पास हथियार भी अन्य टुकडि़यों के मुकाबले काफी अत्याधुनिक होते हैं। समय को देखते हुए इन्हें जरूरी उपकरण भी दिए जाते हैं। जैसे सर्दियों में इन्हें ऑपरेशन के दौरान ठंड से बचाने वाले कपड़े, जूते और अन्य सामान दिया जाता है। इस टुकड़ी के सभी सदस्यों के पास हाई एनर्जी फूड होता है और सेना से संपर्क के लिए यह टुकड़ी सैटेलाइट फोन का उपयोग करती है।