पूर्व रॉ एजेंट मनोज रंजन दीक्षित का सोमवार सुबह निधन हो गया। मनोज रंजन कोविड पॉजिटिव थे। हालत गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले 2013 में पत्नी की कैंसर से मौत हो चुकी है।
पूर्व रॉ एजेंट को संक्रमण होने के बाद सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद लखनऊ के कुछ समाजसेवियों ने उनको डॉक्टर को दिखाया। एक निजी क्लीनिक में उनको भर्ती कराया गया था। जहां उनका इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह अचानक उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी और सांसें थम गईं।
आपको बता दें कि मनोज रंजन दीक्षित पाकिस्तान में भारत के लिए जासूसी के आरोप में 1992 में गिरफ्तार हुए थे। उसके बाद वहां की शीर्ष अदालत के निर्देश पर वर्ष 2005 में उनको वाघा अटारी बॉर्डर पर रिहा किया गया था। लॉकडाउन में उनकी निजी नौकरी छूट गई और मुफिलिसी के शिकार हो गए। ऐसे में आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने उनकी कहानी दुनिया को बताई जिसके बाद एक-एक कर मदद के लिए हाथ बढ़ते गए। उनको मकान आवंटित हुआ और कई बड़े समूहों और समाजसेवियों ने आर्थिक सहायता भी दी।