मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। बाजार खुल चुके हैं, आवागमन आदि निर्बाध रूप से संचालित है, ऐसे में हर एक प्रदेशवासी को सावधान रहना होगा। कोविड बचाव संबंधी व्यवहार जैसे मास्क, सैनिटाइजेशन और दो गज की दूरी का पूरी कड़ाई के साथ पालन करना जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।
बीते 24 घंटों में 2 लाख 63 हजार टेस्ट किए गए। इसी अवधि में, 190 नए केस सामने आए हैं और 261 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। दैनिक पॉजिटिविटी दर 0.1% से भी कम स्तर पर आ चुकी है, जबकि रिकवरी दर 98.5% है। वर्तमान में कुल एक्टिव केस घटकर 3,046 रह गए हैं। 1868 लोगों का इलाज होम आइसोलेशन में हो रहा है। प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 73 लाख 48 हजार 462 कोविड टेस्ट हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 01 जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाये जाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। जागरूकता प्रसार के प्रयासों में जनप्रतिनिधि गण का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये निर्देश सोमवार को टीम-9 की बैठक में दिए।
मुख्यमंत्री बोले, कोरोना वायरस के गहन अध्ययन-परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को लगातार बढ़ाया जा रहा है। बीएचयू, वाराणसी, केजीएमयू लखनऊ और सीडीआरआई, आईजीआईबी, दिल्ली के सहयोग से जीनोम परीक्षण कराया जा रहा है। अध्ययन की यह रिपोर्ट डेल्टा+ वैरिएंट से बचाव के लिए प्रबंधन में सहायक होगी।
यूपी में जल्द ही 11 नई आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं क्रियाशील हो जाएंगी
प्रदेश में जल्द ही 11 नई आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं क्रियाशील हो जाएंगी। इनका संचालन शुरू करने के संबंध में सभी जरूरी तैयारियां तेजी से पूरी कर ली जाएं। इसके साथ ही, प्रदेश के 45 जिलों में आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं हो जाएंगी। शेष 30 जनपदों में भी अगले तीन-चार माह के भीतर ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित कराने की कार्यवाही की जाए।
देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ‘डेल्टा+’ से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं।
उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरी की जाए। पीकू/नीकू की स्थापना की कार्यवाही तेज हो। अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5900 से अधिक हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी पीकू/नीकू स्थापना की कार्यवाही जारी है। सभी ज़िलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे उत्तम सुरक्षा कवर है। प्रदेश में अब तक 3 करोड़ 04 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण केंद्रों पर लोगों का उत्साह सुखद है। बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हैं।