स्कूल परिसर में बच्चे सुरक्षित हो, कोरोना संक्रमण से बचे रहें। इसके लिए अब स्कूल की ओर से छात्र और छात्राओं का नियमित चेकअप किया जायेगा। इसके लिए हर बच्चे का हेल्थ कार्ड बनेगा। इस कार्ड से नियमित स्वास्थ्य परीक्षण हर महीने किया जा सकेगा। इसकी शुरुआत नए सत्र से स्कूलों में होगी।
सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा स्कूलों को इससे संबंधित दिशा-निर्देश भी भेजे जा रहे हैं। ज्ञात हो कि स्कूल में छात्र पांच से छह घंटे तक रहते हैं। एक-दूसरे से मिलना, साथ में रहना होता है। इससे छात्रों में स्वास्थ्य संबंधित किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए नियमित जांच पड़ताल की जायेगी। नए सत्र में स्कूल के शिड्यूल में इसे शामिल किया गया है। हेल्थ कार्ड कक्षावार अलग-अलग बनेगा।
15 दिनों पर होगा लगेगा हेल्थ कैंप
हर स्कूल में 15 दिनों पर हेल्थ कैंप भी लगाया जायेगा। इसमें स्कूल द्वारा हेल्थ कैंप में हर विभाग के डॉक्टर को बुलाया जायेगा। इंटरनेशनल स्कूल की प्राचार्य एफ हसन ने बताया कि हेल्थ कैंप महीने में दो बार अनिवार्य रूप से लगाया जायेगा। इसमें डॉक्टरों की पूरी टीम रहेगी।
हैंडवाश स्टेशन पर होगा जोर
हर स्कूल में हैंडवाश स्टेशन बनाया जायेगा। हाथ धोने से मिलने वाले फायदे की जानकारी दी जायेगी। स्कूल के गेट, दीवार आदि पर पम्फलेट चिपकाया जायेगा। इससे छात्र लंच आदि के समय में इसे पढ़ें और हाथ धोने के महत्व को जानें। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बचाव से संबंधित जानकारियां भी फोटो के साथ स्कूल गेट पर लगायी जायेगी। डान बास्को एकेडमी की प्राचार्य मेरी अल्फांसो ने बताया कि अभी स्कूल खुलने के बाद स्कूल की दीवारों पर कोरोना बचाव की जानकारी छात्रों को दी जा रही है।
हेल्थ कार्ड से ये होंगे फायदे :
-नियमित जांच से विद्यार्थियों स्वास्थ्य की जानकारी अपडेट होगी
-किसी भी तरह की बीमारी होगी तो तुरंत पता चल जायेगा
-कब कौन-सा टीका लगना है, इसकी भी जानकारी मिलती रहेगी
-बच्चों के हेल्थ का एक रिकार्ड अभिभावक के पास जमा हो पायेगा
-हेल्थ संबंधित छोटी-छोटी जानकारी से अभिभावक तुरंत अपडेट होंगे
-स्वास्थ्य परीक्षण के अलावा बच्चों को उससे बचने के उपाय भी बताये जाएंगे