रुहेलखंड विश्वविद्यालय संबद्ध कॉलेजों में रेगुलर एडमिशन के लिए तीन साल के गैप का बैरियर खत्म करने जा रहा है। इसके बाद इंटरमीडिएट या स्नातक की परीक्षा पास करने वाले छात्र कई साल के गैप के बाद भी कॉलेजों में रेगुलर पढ़ाई कर सकेंगे। दूसरा महत्वपूर्ण फैसला भी छात्रों को रेगुलर माध्यम से एक ही कोर्स दो बार करने की छूट देगा। विवि ने दो प्रमुख बदलावों का प्रस्ताव तैयार किया है। शुक्रवार को होने वाली प्रवेश समिति की बैठक में इसपर मुहर लगेगी।
नई शिक्षा नीति में एकेडमिक फ्लेक्सिबिलिटी की व्यवस्था किए जाने के बाद विवि ने बड़े बदलाव का यह फैसला लिया है। दरअसल अब तक विवि के प्रवेश नियमावली में नियम था कि इंटरमीडिएट और स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोई छात्र तीन साल तक कॉलेज में एडमिशन लेकर रेगुलर पढ़ाई कर सकता था। इसका सबसे बड़ा नुकसान इंटर साइंस स्ट्रीम से करने वाले छात्रों को होता था। तीन साल तक एडमिशन न लेने पर ऐसे छात्रों के पास प्राइवेट माध्यम से स्नातक करने की अनुमति थी पर वे बीएससी में एडमिशन नहीं ले सकते थे क्योंकि बीएससी में प्रैक्टिकल सब्जेक्ट होते हैं। मजबूरी में छात्र प्राइवेट परीक्षार्थी के रुप में केवल बीए और बीकॉम कर सकते थे। अब तीन साल के गैप का बैरियर खत्म होने से छात्र तीन साल से अधिक समय तक पढ़ाई छोड़ने के बावजूद कॉलेज में एडमिशन लेकर रेगुलर पढ़ाई कर सकेंगे।
रेगुलर पढ़ाई करने में अब आड़े नहीं आएंगे नियम
दूसरा महत्वपूर्ण फैसला रेगुलर माध्यम से एक ही कोर्स दो बार करने की छूट देगा। उदाहरण के तौर पर कोई छात्र परास्नातक की पढ़ाई रेगुलर माध्यम से करने के बाद दोबारा परास्नातक करना चाहता है तो उसको प्राइवेट माध्यम से ही दूसरे विषय से पीजी की डिग्री मिलेगी। अब ऐसा नहीं होगा। प्रस्ताव के अनुसार छात्र एक विषय से रेगुलर परास्नातक कर चुका है और वह दूसरे विषय से रेगुलर पढ़ाई करना चाहता है तो उसको एडमिशन लेकर दूसरे विषय से पीजी कर सकेगा। यह व्यवस्था स्नातक पाठ्यक्रम पर ही लागू करने की तैयार है। इसमें एक बार रेगुलर माध्यम से बीए करने के बाद बीएससी भी रेगुलर एडमिशन लेकर कर पाएंगे। यह दोनों प्रस्ताव प्रवेश नियमावली में शामिल होंगे।
कॉलेजों में नहीं बचेगी खाली सीटें
तीन साल के गैप के बैरियर के कारण काफी छात्र रेगुलर एडमिशन न मिलने पर प्राइवेट माध्यम से कोर्स पूरा करते थे। कॉलेजों में सीटें खाली बच जाती थीं। अब ऐसा नहीं होगा। ऐसे छात्र भी कॉलेजों में रेगुलर एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकेंगे। हालांकि इसको लेकर मेरिट तैयार करने में कुछ नियम बनाए गए हैं। प्रवेश समिति की बैठक में इन नियमों को मंजूरी मिल जाएगा। विवि प्रशासन का कहना है कि शु्क्रवार को प्रवेश समिति की बैठक में दोनों प्रस्ताव रखे गए हैं।