पुणे में महाराष्ट्र के जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। एनसीपी कार्यकर्ताओं ने रत्नागिरी के तिवरे बांध पर मंत्री के बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया। मंत्री ने कहा था कि बांध टूटने के लिए केकड़े जिम्मेदार थे। जानें, क्या कहा था मंत्री ने जल संसाधन मंत्री तानाजी सावंत का कहना है कि बांध के आसपास बड़ी संख्या में केकड़ों के एकत्र हो जाने के चलते यह ढह गया है |इस बांध का निर्माण शिवसेना के ही एक विधायक सदानंद चह्वाण की कंपनी द्वारा किया गया था। मंगलवार रात अचानक ढह गए इस बांध में आसपास बसे 24 लोग बह गए थे। अब तक 18 लोगों के शव मिले हैं। मात्र 19 साल पहले बनकर तैयार हुए इस छोटे बांध का ढह जाना एक बड़े भ्रष्टाचार का नमूना माना जा रहा है|इसके बावजूद जल संसाधन मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि इस बांध का प्रयोग 2004 से शुरू हुआ था। बांध में किसी प्रकार की कमी की शिकायत मिलने पर विभाग उसे ठीक कराता था। हालांकि एक बड़ी समस्या बांध के आसपास केकड़ों के जमा हो जाने की रही है। इसके चलते बांध में रिसाव शुरू हो गया था। इसी रिसाव के कारण मंगलवार को यह ढह गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस (राकांपा) पार्टी के नेता जितेंद्र आह्वाड कुछ केकड़े लेकर पुलिस के पास पहुंचे और मांग की कि तिवरे बांध ढहाने के आरोप में केकड़े की गिरफ्तारी की जानी चाहिए।