नई दिल्ली- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एलान किया है कि कोरोनो वायरस के संक्रमण से मरने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसमें मरीजों की देखरेख करनेवाले लोग भी शामिल हैं। यही नहीं बयान में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को आपदा घोषित करने का निर्णय लिया है ताकि सभी राज्य सरकारें इस वायरस से लड़ने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष का इस्तेमाल कर सकें।
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत कम से कम 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मामले पाए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इसे हेल्थ इमरजेंसी नहीं घोषित किया है। यही नहीं सरकार ने कहा है कि लोगों को कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 83 हो गई है। इसमें दिल्ली और कर्नाटक से एक-एक मौत शामिल है।
कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोग मास्क और हेंड सेनेटाइजर खरीदने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इससे बाजार में हेंड सेनेटाइजर और मास्क की मांग बढ़ गई है जिसे देखते हुए सरकार ने एन-95 समेत अन्य मास्क और सेनेटाइजर को अनिवार्य वस्तु की श्रेणी में लाने का एलान किया है। कोरोना वायरस के फैलने के साथ इन दोनों उत्पादों की कमी और कालाबाजारी के कारण यह कदम उठाया गया है। सरकारी आदेश के मुताबिक, ये उत्पाद अनिवार्य वस्तु श्रेणी में जून तक रहेंगे। सरकार के इस कदम से कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकेगी।