ऑक्सीजन की कमी से जूझते अस्पतालों और मरीजों को राहत के लिए कानपुर में 20 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए उद्यमियों ने आवेदन किया है। सभी को अनुमति दे दी गई है। उद्योग निदेशालय 72 घंटे के अंदर 33 विभागों की एनओसी दिलाने में इनकी मदद करेगा। 60 दिन में उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में किसी एक शहर में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट की ये सबसे ज्यादा संख्या है।
ऑक्सीजन की कमी से देशभर में हाहाकार मचा है। इसे देखते हुए पूरे प्रदेश में 54 कारोबारियों ने प्लांट के लिए आवेदन किया है। कारोबारियों को जल्द से जल्द प्लांट लगाने की अनुमति देने के लिए उद्योग निदेशालय युद्धस्तर पर जुटा है। संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने बताया कि प्लांट की संख्या के मामले में कानपुर प्रदेश में नंबर वन है।
करीब 40 हजार क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन का प्रतिदिन उत्पादन कानपुर के इन 20 प्लांट्स में होगा। एक प्लांट में लगभग 1.5 करोड़ से 2 करोड़ का खर्च आएगा। इसमें जमीन का खर्च शामिल नहीं है। 20 प्लांट में लगभग 100 करोड़ रुपए उद्यमी निवेश करेंगे। इस संबंध में उप आयुक्त, जिला उद्योग केन्द्र एसपी यादव ने बताया कि एनओसी सहित किसी भी तरह की बाधा इन प्लांट्स की स्थापना में रोड़ा नहीं बनेगी। तीन दिन के अंदर एनओसी ऑनलाइन मिलेगी।
कानपुर में सबसे ज्यादा प्लांट
ऑक्सीजन प्लांट के लिए कानपुर से 20 प्रस्ताव मिले हैं। इसके अलावा आगरा में एक, मथुरा में दो, अलीगढ़ में तीन, कासगंज में एक, बाराबंकी में एक, मऊ में तीन, बरेली में चार, बदायूं में एक, बस्ती में एक, संतकबीरनगर में एक, गोंडा में एक, गोरखपुर में एक, महराजगंज में एक, ललितपुर में एक, कानपुर देहात में तीन, उन्नाव में एक, हरदोई में एक, सीतापुर में एक, गाजियाबाद में दो, हापुड़ में एक, प्रयागराज में चार, वाराणसी में दो, जौनपुर में तीन और चंदौली में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाने के प्रस्ताव मिले हैं। इन प्लांट्स से कुल 20 लाख क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन तैयार होगी। खास बात यह है कि ये सभी प्लांट नई तकनीक से हवा से ऑक्सीजन बनाएंगे।