ब्लैक फंगस में इस्तेमाल होने वाले एम्फोनिक्स इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन कई गुने दाम पर बेचने वाले गिरोह के सरगना ज्ञानेश शर्मा पर बुधवार को रासुका लगाया गया। पुलिस ने तीन दिन पहले ही रासुका की संस्तुति कर फाइल जिलाधिकारी के पास भेजी थी। डीएम ने तत्काल रासुका की फाइल पर मुहर लगा दी।
ग्वालटोली पुलिस ने 27 मई को भाजपा नेता प्रकाश मिश्रा व उसके साथी निराला नगर निवासी ज्ञानेश शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपियों के पास से 68 नकली इंजेक्शन बरामद हुए थे। जांच में पता चला था कि इंजेक्शन में ग्लूकोज और नमक भरा था। ज्ञानेश कई दवा कंपनियों में अधिकारी पद पर रह चुका था। जिसके बाद पुलिस ने रासुका की फाइल तैयार की।
जैसे ही ज्ञानेश ने जमानत अर्जी डाली तो पुलिस ने कार्रवाई कर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के लिए संस्तुति की। जिलाधिकारी ने रासुका की कार्रवाई कर दी। पुलिस ने रासुका के लिए तर्क दिया था कि महामारी के दौर में कालाबाजारी और नकली दवाओं व इंजेक्शन की खेप सप्लाई करना मानव जीवन से खिलवाड़ करना है। इससे न जाने कितनी जानें जा सकती थीं। इसलिए ये अपराध बेहद गंभीर है।
अपराधियों पर किसी तरह की नरमी नहीं होगी। नकली दवा व नकली इंजेक्शन बेचने वालों और कालाबाजारी करने वालों पर इसी तरह से सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।