हमारी नौसेना के कमांडो चाहे देश के दुश्मनो से देश की रक्छा का सवाल हो या अपने देश की जनता की जिन्दगियो को बचाने का दोनों काम बखूबी निभाते है | ऐसा ही हुआ कश्मीर के बुलर झील में नाव पलटने के कारन कश्मीर के बांडीपोर के साथ सटे जूरीमंज गांव की 40 वर्षीय रफीका बेगम और उसकी 17 वर्षीय बेटी लाली किश्ती में बैठे झील के रास्ते सोपोर के लिए निकली। वुलर झील का एक हिस्सा सोपोर की सीमा के साथ सटा हुआ है। मां-बेटी अभी झील में कुछ ही दूरी पर पहुंची थी कि अचानक उनकी किश्ती पलट गई और दोनों झील के गहरे पानी में डूब गई। मां-बेटी को झील के पानी में समाते देख किनारे पर खड़े लोगों ने मदद के लिए शोर मचाया। उनकी पुकार सुन झील के अगले हिस्से में गश्त कर रहे मार्कोस का दस्ता तुरंत मौके पर पहुंचा। मार्कोस कमांडो ने उस जगह छलांग लगाई जहा दोनों डूब रही थी वहा से उन्हें निकाल कर प्राथमिक उपचार के लिए स्वस्थ्य केंद्र भेज दिया गया जहा दोनों की हालत स्थिर बानी हुए है | वुलर झील और इसके आसपास के इलाकों में सक्रिय आतंकियों से निपटने के लिए वर्ष 1990 से ही मार्काेस तैनात हैं। एसएसपी बांडीपोर राहुल मलिक ने कहा कि मार्काेस व अन्य बचावकर्मी समय रहते पहुंच गए,अन्यथा आज यहां भी लिद्दर जैसा हादसा हो सकता था। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में गत मंगलवार की शाम को पर्यटन विभाग के एक कर्मी और एक महिला राफ्टर समेत दो लोगों की उस समय लिद्दर झील में डूबने से मौत हो गई थी,जब अचानक ही उनकी नौका पलट गयी और वह पानी की तेज लहरों में बह गए।जो हादसा हआ, वह रौऊफ डार की याद में आयोजित वाटर राफ्टिंग प्रतियोगिता के दौरान ही हुआ था।