जिले भर में गुरुवार को मां दुर्गा के नवे स्वरूप का पूजन-अर्चन विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया। सुबह से देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। नवरात्र में नौ दिन का व्रत रखने वाले श्रद्धालु 29 सितम्बर को यानि आज कन्या पूजन करने के साथ ही कन्याओं को भोजन भी कराए ।
इसकी तैयारी घर-घर में चलती रही। देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही व घंटा-घड़ियालसे पूरा माहौल भक्तिमय बन गया। घर की महिलाएं सुबह से ही प्रसाद आदि को तैयार कर पुरोहितों के समय से पूर्व कलश स्थापना वाले स्थान पर जुटाने में लग गयी थी। नवरात्र के पहले और आखिरी दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने गुरुवार को अपना व्रत रखा। नगर से सटे ब्रह्माईन स्थित मां ब्रह्माणी देवी, शंकरपुर की देवी मन्दिर,कपुरी के कपिलेश्वरी भवानी, भरौली स्थित मंगला भवानी, उचेड़ा स्थित देवी मंदिर के बाहर मेला लगा रहा। यहां प्रसाद के साथ ही जिलेबी व खिलौना की दुकानों पर बच्चों तथा देवी दर्शन करने आये भक्तों की भारी भीड़ देखी गयी। मान्यता है कि देवी का नवम स्वरूप भक्तों का उद्धार करने वाला है। देवी पुराणों व उपनिषदों में मां के इस स्वरूप को लेकर कई कथाएं हैं।