बॉलीवुड की मशहूर गायिका कनिका कपूर की पार्टी में शामिल होने वाले यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की कोरोना रिपोर्ट आ गई है। उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगिटिव आई है। वहीं, उनके पूरे परिवार के शनिवार को सैंपल लिए गए हैं। फिलहाल उन्होंने अपने आप को घर में एकांतवास में रखा हुआ है।
आपको बता दें कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह प्रदेश में कोराना वायरस संक्रमण इमरजेंसी के बावजूद बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर की मौजूदगी वाली पार्टी में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने परिवार के साथ समय बिताया था।
यही नहीं इसके बाद वह सरकार के कई कार्यक्रमों में भी शामिल हुए, जिसमें मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री व अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान पूरी तरह से कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रण के लिए जारी प्रोटोकॉल के बारे में भी बताया जा रहा था। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं लगातार भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दे रहे थे।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह 14 मार्च को परिवार सहित डालीबाग कॉलोनी में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस पार्टी में कई वीवीआईपी भी शामिल थे। उनके साथ पत्नी और दो बच्चे भी थे। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वयं इसे स्वीकार किया है और पूरे परिवार को घर पर ही एकांतवास में रखा है।
कनिका की मौजूदगी वाले समारोह से लौटने के बाद वह मुख्यमंत्री आवास पर रविवार (15 मार्च) को वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल हुए थे। इसमें एसजीपीजीआई, केजीएमयू, बीएचयू के अधिकारियों, चिकित्सकों, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा व प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, निदेशक सूचना शिशिर भी मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री ने 16 मार्च को स्वास्थ्य भवन में संक्रामक रोग निदेशालय के कंट्रोल रूम का मुख्यमंत्री के साथ निरीक्षण भी किया था। वह इस दौरान अधिकारियों और मीडियाकर्मियों से घिरे रहे। इसके बाद वह 17 मार्च को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। इसी दिन राजकीय नर्सेस संघ के एक पदाधिकारी ने भी उनसे शाम को मुलाकात की थी।
यही नहीं बृहस्पतिवार (19 मार्च) को उन्होंने नोएडा में सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रेस कांफ्रेंस भी की थी। उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे व नोएडा के विधायक पंकज सिंह भी मौजूद थे। लगभग पांच दिन में उन्होंने सैकड़ों लोगों से मुलाकात की है। इनमें से अधिकतर लोग अब संशय की स्थिति में हैं और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं।