नोटबंदी को लेकर रसड़ा क्षेत्र के किसानों को अपने सब्जियों को औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है। जिससे उनकी कमर टूट गई है। आलम यह है कि किसानों की मजदूरी तक नहीं निकल पा रही है।
कृषि मंडी सब्जी विक्रेताओं की माने तो कृषि मंडी में आलू पांच सौ रुपये कुंतल, टमाटर दो सौ रुपये कुुंतल, हरा मटर एक हजार से 12 सौ रुपये कुंतल, फूल गोभी 10 रुपये किलो, पत्ता गोभी पांच रुपये किलो, धनिया पत्ता चार रुपये किलो, सोवा तीन रुपये किलो, बैगन छह सौ रुपये कुंतल, हरा मिर्चा दो हजार रुपये कुंतल से कम दाम पर बिक रहा है।
जिसके कारण किसानों के साथ ही सब्जी विक्रेताओं का भी घाटा लग रहा है। आलू विक्रेता मोहम्मद जावेद का कहना है कि पुराना आलू सड़ रहा है। टमाटर विक्रेता मुमताज अहमद ने बताया कि नोटबंदी के चलते टमाटर का रेट तीन से चार रुपये प्रति किलो हो गया है। वहीं किसान कृष्णा कुशवाहा और तौकीर अहमद का कहना है कि इस समय गोभी, हरा धनिया, सोया, बैगन आदि का मजदूरी तक नहीं निकल पा रहा है।