मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन पर कई घण्टे तक लगातार पढ़ाई की वजह से बच्चों की आंखें टेढ़ी हो रही हैं। इसके अलावा आंखों में जलन, सूजन, चिड़चिड़ापन, धुंधला दिखने के साथ दूर की रोशनी कम हो रही है। किसी को चश्मा लग गया तो किसी के चश्मे का नंबर बढ़ गया। इसका खुलासा पीजीआई के नेत्र रोग विभाग की प्रमुख डॉ. कुमुदिनी शर्मा की एक सर्वे रिपोर्ट में हुआ है। इनमें एक बच्चे की आंख टेढ़ी होने पर उसका ऑपरेशन किया जाएगा।
मोबाइल पर काम से बढ़ीं दिक्कतें
डॉ. कुमुदिनी शर्मा बताती हैं इस बार ओपीडी में 50 से ज्यादा बच्चों पर सर्वे किया। इनकी जांच में करीब 6 से ज्यादा बच्चों की आंखें टेढ़ी पाई गई हैं। इनका उपचार चल रहा है। इनमें से हाल ही में आने वाले सात व 13 साल के दो बच्चे शामिल हैं। 13 साल के बच्चे का ऑपरेशन करना पड़ेगा। एक साल पहले इन बच्चों को आंख में कोई परेशानी नहीं थी।
आंखों को 20 मिनट का आराम दें
डॉ. कुमुदिनी शर्मा बताती हैं कि पढ़ते वक्त बच्चे स्क्रीन पर टकटकी लगाकर न देखें। पलकें लगातार झपकनी चाहिए। इन्हें हर क्लास के बाद कम से कम 20 मिनट का आराम दें। इस दौरान बच्चे कुछ देर टहलने के साथ पास और दूर की चीजें देखें। आंख में जलन व सूखापन लगने पर पानी से धुल लें। ज्यादा दिक्क्त लगने पर डॉक्टर की सलाह लें।
इन बातों का रखें ध्यान
-मोबाइल व कंप्यूटर की स्क्रीन 30 सेमी दूर हो
– भुजाएं दूर रखें
-स्क्रीन आंखों से नीचे हो
-स्क्रीन का रंग नीला रखें।
-स्क्रीन पर चमक व रोशनी कम हो।
यह दिक्कतें हो रहीं
आंख में जलन, चिड़चिड़ापन, सूखना, आंसू निकलना, धुंधला दिखना, दूर की रोशनी कम होना, सिर दर्द, कंधे व गर्दन में दर्द के अलावा कई को चश्मा लग गया व कइयों का चश्मे के नम्बर बढ़ गए।