उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एनआरआई और राजाजीपुरम निवासी अमिता श्रीवास्तव के 80 वर्षीय पिता को बुखार के बाद ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। रातभर एंबुलेंस में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में चक्कर लगाते रहे। इसके बावजूद न उन्हें बेड मिला और न ऑक्सीजन की व्यवस्था हो सकी। जिसके बाद बुजुर्ग की सुबह मौत हो गई।
राजाजीपुरम निवासी अमिता श्रीवास्तव अमेरिका में रहती है। पिछले महीने वह अमेरिका से भारत आई थी। इसी दौरान उनके पिता अयोध्या प्रसाद श्रीवास्तव और भाई नवीन व हैप्पी श्रीवास्तव सहित पूरा परिवार बुखार और सीने की जकड़न से परेशान था। इससे उनके बुजुर्ग माता-पिता की हालत बहुत गंभीर हो गई। अमिता ने लखनऊ के सभी अस्पताल में पता किया, लेकिन न कहीं बेड उपलब्ध था और न कहीं पर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था थी। किसी तरह उन्होंने 45 हजार रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदा।
इसके बाद 26 अप्रैल को उनके परिवार की कोविड 19 जांच संभव हो पाई। जिसमें सभी लोग कोरोना संक्रमित मिले। वहीं 27 अप्रैल को ऑक्सीजन सिलेंडर भी खत्म होने लगा। ऑक्सीजन प्लांट के बाहर लाइन लगने के बावजूद उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला। इस दौरान पिता की हालत बिगड़ने लगी। उनका ऑक्सीजन स्तर गिरकर 50 पहुंच गया। आखिर में 27 अप्रैल की रात एक प्राइवेट एंबुलेंस कर पूरी रात उन्होंने अपने पिता को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल चक्कर लगाती रहीं, लेकिन उन्हें कहीं पर बेड न मिला जिससे सुबह सूरज निकलते ही एंबुलेंस में उनके पिता की मृत्यु हो गई। मृत्यु के पश्चात उन्हें एम्बुलेंस का 50 हजार रुपये भुगतान भी करना पड़ा। इस समय पूरा परिवार सदमे में है। किसी भी तरह की बात करने की स्थिति में नहीं है।