ऑक्सीजन कालाबाजारी केस: दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

आप के विधायक इमरान हुसैन के खिलाफ ऑक्सीजन की जमाखोरी करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार द्वारा इस मामले में जवाब दाखिल करने के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने उसका गुरुवार को निपटारा कर दिया।

प्रतिवेदन में सरकार ने कहा था कि उसने हुसैन को गैस नहीं दी और ना ही ‘रिफिलर’ के जरिए उस ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई, जिसे होम आईसोलेशन में रह रहे लोगों, अस्पतालों और एम्बुलेंस के लिए दिया गया था। न्यायमित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने अदालत को बताया कि हुसैन ने फरीदाबाद में जिस व्यापारी से सिलिंडर भरवाने के दस्तावेज दिखाए हैं, वे ‘विश्वसनीय प्रतीत होते हैं।’

प्रतिवेदन पर गौर करने के बाद, न्यायमूर्ति विपिन सांघवी और न्यायमूर्ति रेखा पाली ने हुसैन के खिलाफ दायर उस याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें आरोप लगाया था कि कोविड-19 के मद्देनजर शहर में ऑक्सीजन की कमी के समय हुसैन ऑक्सीजन सिलिंडर की जमाखोरी कर रहे हैं। पीठ ने कहा, ‘हम इस मामले पर आगे सुनवाई करने के पक्ष में नहीं हैं।’

पिछली सुनवाई में अदालत ने दस्तावेज पेश करने का दिया था आदेश
इस मामले में पिछली सुनवाई 10 मई को हुई थी। तब हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन को कोरोना संक्रमित मरीजों की सहायता के लिए फरीदाबाद से ऑक्सीजन खरीदने संबंधी दस्तावेज पेश करने का निर्देश दिया था। हालांकि अदालत ने कुछ राहत प्रदान करते हुए कहा कि अपने खर्च पर संसाधन जुटाकर जरूरतमंदों को ऑक्सीजन फ्री बांटना कालाबाजारी नहीं है, कालाबाजारी वह होती है जब सामान को स्टोर कर मुंह मांगे दामों पर बेचा जाता है।

उन्होंने न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष दावा किया था कि उन्होंने दिल्ली से बाहर फरीदाबाद से ऑक्सीजन खरीदकर जरूरतमंद कोरोना मरीजों को वितरित किया है, इसी वजह से उन्हें दस्तावेज पेश करने को कहा गया था। अदालत ने कहा कि यदि ऐसा है तो आप ऑक्सीजन खरीदने संबंधी दस्तावेज पेश करें।

खंडपीठ ने मामले में दिल्ली सरकार से भी सवाल किया था कि, क्या हुसैन को राजधानी के रीफिलर के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। अदालत ने पूछा कि क्या यही ऑक्सीजन उन्होंने घर में रहकर इलाज कर रहे मरीजों, अस्पतालों और एम्बुलेंस के लिए मुहैया कराई है।

सुनवाई के दौरान हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने पीठ के समक्ष दावा किया था कि उनके मुवक्किल को ऑक्सीजन दिल्ली से नहीं मिली। पाहवा ने पीठ को बताया कि विधायक हुसैन ने हरियाणा के फरीदाबाद से ऑक्सीजन खरीदी व सिलिंडर राजधानी से ही किराए पर लिए गए। उन्होंने कहा ऑक्सीजन खरीदने के संबंध में दस्तावेज हैं। अदालत ने दस्तावेज पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 13 मई तय कर दी थी।

याचिकाकर्ता वेदांश शर्मा ने हुसैन द्वारा जारी ऑक्सीजन वितरण के संबंध में एक फेसबुक पोस्ट का हवाला देते हुए उन पर ऑक्सीजन की जमाखोरी करने का आरोप लगाया था। अदालत ने 7 मई को हुसैन से जवाब मांगते हुए टिप्प्णी की थी कि यह देखना होगा कि विधायक हुसैन को ऑक्सीजन कहां से मिल रही है, क्योंकि गुरुद्वारे भी इसे (ऑक्सीजन) जरूरतमंदों में बांट रहे हैं।

वहीं दिल्ली सरकार के अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा था कि ऑक्सीजन, दवा या चिकित्सा उपकरण की जमाखोरी और कालाबाजारी करने में दोषी पाए गए सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चाहे वे हुसैन हो या फिर भाजपा सांसद गौतम गंभीर।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com