मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फटकों से भरी कार मिलने के मामले में एनआईए की जांच जारी है। मामले में हर दिन नए-नए खुलासे चौंका रहे हैं। सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उस फाइव स्टार होटल में छानबीन की जहां निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे कुछ दिन पहले ठहरे थे। एनआईए के अधिकारियों ने कहा कि एक टीम ने नरीमन पॉइंट के ट्राइडेंट होटल के एक कमरे में तलाशी ली, जहां वाझे 16 फरवरी से 20 फरवरी तक ठहरे थे। वाझे ने कथित तौर पर एक जाली आधार कार्ड के साथ होटल का कमरा बुक किया था, जिसमें फ़र्ज़ी नाम से उनकी तस्वीर थी।
होटल में रहते हुए मुंबई क्राइम ब्रांच में थे वाझे
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि होटल से दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज बरामद किए गए हैं। मुंबई पुलिस के अधिकारी ने कहा कि वाझे के होटल में फर्जी आईडी से ठहरने की तारीखें उस समय के साथ मेल खाती हैं जब वाझे एक ऐसी टीम का हिस्सा थे, जिसने लाइसेंस शर्तों का उल्लंघन के लिए रात में मुंबई में कई जगहों पर छापा मारा था। वाझे ने उन तारीखों के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में भी काम किया। एनआईए की टीम ने होटल के कमरे से कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनमें क्या है। टीम ने होटल से सीसीटीवी फुटेज को भी जांच के लिए जब्त कर लिया है। बता दें कि 13 मार्च को गिरफ्तार वाझे को 48 वर्षीय ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरन की हत्या में भी मुख्य आरोपी बनाया गया है।
दर्ज हुआ हिरेन की पत्नी का बयान
एनआईए की टीम हिरेन की पत्नी विमला के घर उनका बयान लेने भी पहुंची थी। हिरेन के भाई विनोद ने कहा “एनआईए ने घर आकर हमें अपनी जांच की स्थिति बताई और सूचित किया कि वे एटीएस से सारी जानकारी लेंगे। अब तक वे मेरे भाई की हत्या के मामले में आधिकारिक रूप से मामला दर्ज नहीं हुआ है। उन्होंने हमें बताया कि वे मामले की अधिक जानकारी के साथ अगले दो दिनों में हमसे मिलने आएंगे। वे थोड़े समय के लिए रुके और चले गए”।
हिरेन की हत्या में दो गिरफ्तार
गौरतलब है कि एटीएस ने रविवार को हिरेन की हत्या के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। एक पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे और एक सट्टेबाज नरेश गोर। एक एनकाउंटर हत्या में दोषी शिंदे को पिछले साल महामारी के कारण जेलों की सजा के दौरान पैरोल पर रिहा किया गया था। महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे ने अपराध में मुख्य भूमिका निभाई थी। वह मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया है। सट्टेबाज ने वाझे को पांच सिम कार्ड मुहैया कराए थे। गिरफ्तार दोनों आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 मार्च तक एटीएस की हिरासत में रहने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि शनिवार देर रात गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और सट्टेबाज नरेश गौर के रूप में हुई है। अधिकारी ने दिन में सट्टेबाज का नाम नरेश धरे बताया था, लेकिन बाद में उसका नाम नरेश गौर बताया गया। उन्होंने बताया कि शिंदे 2006 के लाखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले का दोषी है। उसे आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। वह पिछले साल ही फरलो पर जेल से रिहा हुआ था। उसके बाद से ही शिंदे वाझे के संपर्क में था। वाझे फिलहाल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है।
लांडे ने कहा कि दोनों आरोपियों को मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को एटीएस मुख्यालय बुलाया गया था। बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया, महाराष्ट्र एटीएस ने अभी तक कई लोगों से पूछताछ की है, जिनमें पुलिस अधिकारी और मृतक के परिजन शामिल हैं। इन दो लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में महत्वपूर्ण प्रगति है। एटीएस ने हिरेन हत्याकांड के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंसं की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है। इस बीच भाजपा ने कहा कि इस पूरे खेल में वाझे सिर्फ एक मोहरा हो सकता है।
क्या है मामला?
एनआईए उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक भरे वाहन मिलने के मामले की जांच कर रही है। उक्त मामले में प्रयुक्त वाहन (एसयूवी, स्कॉर्पियो) मनसुख हिरेन की थी। हिरेन का शव पांच मार्च को ठाणे में मिला। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को हिरेन हत्याकांड की जांच भी एनआईए को सौंप दी थी। अधिकारी ने बताया कि हिरेन हत्याकांड में सचिन वाझे मुख्य आरोपी है। उसने मुख्य भूमिका निभाई है। जांच के दौरान एटीएस को पता चला कि गौर ने एपीआई वाझे और शिंदे को अपराध के लिए पांच सिमकार्ड मुहैया कराए थे। शिंदे अवैध गतिविधियों में वाझे की मदद किया करता था।
अनिल देशमुख पर भी लगे आरोप
इधर, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धल ठाकरे को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था। सीएम ठाकरे को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने आरोप लगाए हैं कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे से प्रत्येक महीने बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपए की उगाही करने के लिए कहा था। परमबीर सिंह के आरोप पर अनिल देशमुख ने कहा, ‘एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन केस में सचिन वाझे के सीधे लिंक सामने आ रहे हैं। परमबीर सिंह को डर है कि इसके कनेक्शन उसके पास पहुंच जाएंगे। उन्होंने कानूनी कार्रवाई से खुद को बचाने और बचाने के लिए ये झूठे आरोप लगाए हैं।”