कानपुर में मुस्लिम धर्मगुरु वैक्सीन लगवाने के लिए मस्जिदों से अपील करेंगे। मुस्लिम धर्मगुरु वैक्सीनेशन जागरूकता अभियान की कमान को खुद संभालेंगे। घनी मुस्लिम आबादी में वैक्सीनेशन कैंप लगवाए जाएंगे। जहां उलमा लोगों को जागररुक करेंगे और खुद भी वैक्सीन लगवाएंगे।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने इतनी मौतें हुई हैं, जिसका सटीक आकड़ा स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के पास भी नहीं है। कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचने के लिए वैक्सीनेशन से बड़ा हथियार कुछ नहीं है। सरकार इस पर पूरा जोर दे रही है, लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मुस्लिम समाज वैक्सीन लगवाने में सबसे पीछे है।
इसके पीछे समाज में फैली भ्रांतियों को जिम्मेदार माना जा रहा है। मुस्लिम समाज में 10 से 15 फीसदी लोगों ने ही वैक्सीनेशन कराया है। मुस्लिम धर्मगुरु वैक्सीन लगवाने के लिए मस्जिदों से अपील करेंगे।
मुस्लिम धर्मगुरु और उलमा वैक्सीनेशन की कमान खुद संभालेंगे। मस्जिदों से ऐलान किया जाएगा कि कोरोना वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन लगवाने से किसी तरह का नुकसान नहीं है, उसके फायदे भी बताए जाएंगे। मुस्लिम धर्मगुरु समाज में वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। मुस्लिम समाज में वैक्सीन लगवाने की दर को बढ़ाने का काम किया जाएगा।
मुस्लिम आबादी में लगेंगे वैक्सीनेशन कैंप
मुस्लिम धर्मगुरु चाहते हैं कि मुस्लिम आबादी में वैक्सीनेशन कैंप लगाया जाए। इसके लिए धर्मगुरुओं ने कमिश्नर से मुलाकात भी की है। आबादी के बीच कैंप लगाए जाने पर लोगों से अपील की जाएगी कि वैक्सीन लगवाएं, जिससे लोग अपने घरों से वैक्सीन लगवाने के लिए बाहर निकलेंगे। उलमा इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और खुद भी वैक्सीन लगवाएंगे।
‘लोगों से की जाएगी अपील’
ऑल इंडिया सुन्नी उलमा काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस का कहना है कि मुस्लिम समाज में वैक्सीनेशन की दर को बढ़ाया जाएगा। उलमा वैक्सीनेशन अभियान का खुद नेतृत्व करेंगे। मस्जिदों से वैक्सीन लगवाने की अपील की जाएगी। इस पहल में शहरकाजियों को भी जोड़ा जाएगा। घनी आबादी वाले क्षेत्रों कैंप लगवाए जाएंगे, लोग बढ़-चढ़कर टीकाकरण में हिस्सा लेंगे।