साल भर पहले गुरुवार की सुबह आलमनगर रेलवे ओवरब्रिज की एप्रोच मार्ग धंस गई। ओवरब्रिज के ऊपर से एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बुद्धेश्वर से राजाजीपुरम की तरफ से आ रही थी। पुल से नीचे उतरने से थोड़ी दूर पहले ही रेलिंग के पास करीब 10 फीट सड़क में गहरा गड्डा हो गया। नतीजतन उसमें ट्रॉली धंस गई।
स्थानीय लोगों ने ट्रॉली निकालने की कोशिश की लेकिन पहिया निकल नहीं सका। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने गाड़ी को बाहर निकाला। इसके बाद सेतु निगम कर्मचारियों ने बैरीकेडिंग लगाकर ओवरब्रिज के एक हिस्से को बंद कर दिया। इससे चार घंटे तक लंबा ट्रैफिक जाम हो गया। गुरुवार सुबह करीब 6.30 बजे आलमनगर रेलवे ओवरब्रिज से गुजर रही एक ट्रैक्टर का अगला पहिया सड़क में धंस गया।•इसके बाद ट्रैक्टर चालक ने काफी कोशिश की लेकिन धंसा पहिया निकल नहीं सका।•इस बीच ट्रैक्टर चालक की दशा देखकर अन्य वाहन भी रुक गए। इससे सड़क पर लंबा जाम लग गया।•मौके पर पहुंची पुलिस ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद गाड़ी निकाली। केबिल फाल्ट होने पर खोदी गई थी यूपी सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राजन मित्तल ने बताया कि पुल में किसी तरह का कोई गड्डा नहीं हुआ है।•यह पुल को जोड़ने वाली एप्रोच रोड है। लेसा ने बिना अनुमति के दो महीने पहले सड़क खोदी थी। इसके बाद मिट्टी भरकर उसे छोड़ दिया। इससे सड़क धंस गई। विभाग द्वारा लेसा को नोटिस भेजा गया है। हालांकि, पहिया धंसने की जानकारी मिलने के बाद इसे बनवा दिया गया है। राजाजीपुरम विद्युतखंड के अधीक्षण अभियंता एनके मिश्रा ने बताया कि अंडरग्राउंड केबिल फाल्ट हो गया था। बिजली सप्लाई चालू करने के लिए सड़क खोदी गई थी। पिछले साल बनकर तैयार हुआ था ओरवब्रिज उत्तर प्रदेश सेतु निगम ने आलमनगर क्रॉसिंग पर रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू किया था। करीब 750 मीटर लंबे इस ओवर ब्रिज का निर्माण पिछले साल यानि वर्ष 2016 में पूरा हुआ। इस पुल को बनाने करीब 250 करोड़ रुपए की लागत आई है।
समता मूलक चौराहे से सीएम आवास की आेेर जाने वाली सड़क को जोड़ने वाला गोमती पुल धंस गया। इस पुल का निर्माण 3 जनवरी 2007 को हुआ था। इसका उद्घाटन लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने किया था। इसेे उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम ने बनाकर तैयार किया था। वैसे चंद दिनों पहले पालीटेक्निक चौराहे पर बना ओवरब्रिज भी धंस गया था।