Artificial Intelligence: वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) का एक ऐसा टूल विकसित किया है जो इस बात का सहीसही पता कर लेता है कि किस कोरोना पीड़ित की हालात बिगड़ेगी और उसको श्वसन तंत्र की गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी। कंप्यूटर्स मैटेरियल्स एंड कंटीनुआ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में बीमारी बिगड़ने के संकेतों का विवरण भी दिया गया है। न्यूयार्क विश्वविद्यालय में क्लीनिकल असिस्टें प्रोफेसर मेगन कॉफी ने बताया कि हमारे इस माडल की सत्यता स्थापित करने के लिए अभी और काम होना है। यह उन मरीजों का पता लगाने में सक्षम है जिनकी हालत बिगड़ सकती है। यह उन डाक्टरों के लिए अनुकूल है जिन्हें वायरस पीड़ितों के इलाज का अनुभव है।
इस अध्ययन का एक उद्देश्य यह भी पता करना था कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से यह पता लगाया जा सकता है कि किसी कोरोना पीड़ित को श्वसन तंत्र संबंधी गंभीर समस्या हो सकती है जो जानलेवा हो खासकर बुजुर्गों के मामले में। शोधकर्ताओं ने ऐसे कंप्यूटर विकसित किए जो उपलब्ध कराए गए डाटा के आधार पर निर्णय देते हैं। इनमें जितना ज्यादा डाटा फीड किया जाता है ये इतना ही बेहतर परिणाम देते हैं।