सरस्वती पूजन को लेकर पिछले कई दिनों से पूजा समितियों की तरफ से तैयारी चल रही थी। पूजा से एक दिन पूर्व मंगलवार तक समितियों के सदस्य पंडाल में बनाने में जुटे थे। पंडाल का कार्य पूरा होने के बाद देर शाम और रात में मूर्तिकारों के यहां मां सरस्वती की प्रतिमा लाकर उसमें स्थापित किया। बुधवार को विधिवत हवन-पूजन के बाद मां सरस्वती के दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हो जाएगा।
बसंत पंचमी के अवसर पर नगर सहित जिले प्राय: सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा समितियों के सदस्यों की तरफ से बड़ा-छोटा पंडाल बनाकर उसमें मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है। किसी पूजा पंडाल में एक तो किसी में दो से लेकर तीन दिन तक दर्शन-पूजन का क्रम चलता है। पूजा समिति के लोगों ने मूर्तिकारों के यहां पहले ही प्रतिमा की बुकिंग करा दी थी। पर्व से एक दिन मंगलवार को श्रद्धालु मूर्तिकारों के यहां से ठेला, ट्रैक्टर सहित अन्य वाहनों से प्रतिमा को ले जाकर पंडालों में स्थापित किया।
बुधवार को ब्राह्मणों द्वारा विधिवत हवन-पूजन के बीच वीणावादिनी की आंखों पर बंधे पट्ट को खोला जाएगा। इसके बाद दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो जाएगा। गहमर संवाददाता के अनुसार बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती के पूजनोत्सव की तैयारी जोरों पर रही। पूजा समिति के प्रतिमाओं को पंडालों में स्थापित कर बुधवार से पूजा-आराधना शुरू कर देंगे।