कॉमर्शियल कोर्ट कचहरी परिसर से बाहर जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को वकीलों ने न्यायिक कार्य नहीं किया। जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। कहा कि कॉमर्शियल कोर्ट को विवादित जगह शिफ्ट किया जा रहा है। इस मुद्दे पर मंगलवार को केंद्रीय संघर्ष समिति से जुड़े 22 जिलों के अधिवक्ता हड़ताल पर रहेंगे।
बुलंदशहर में हुई केंद्रीय संघर्ष समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव के अनुपालन में सोमवार को मेरठ बार एसोसिएशन के सदस्य न्यायिक कार्य से विरत रहे। काफी संख्या में वकील मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम व महामंत्री नरेश दत्त शर्मा के नेतृत्व में नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। वकीलों ने जिलाधिकारी अनिल ढींगरा के समक्ष अपनी मांग को रखा।
काफी देर तक इस मुद्दे पर चर्चा के बाद वकीलों ने चेतावनी दी कि जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक वह यहीं धरने पर बैठ जाएंगे। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि कॉमर्शियल कोर्ट को शिफ्ट करने का निर्णय अवस्थापना समिति का है, मेरा नही है।
जिस पर वकीलों ने कहा कि शास्त्रीनगर में जिस संपत्ति पर यह कोर्ट शिफ्ट की जा रही है, वह विवादित है और उसका मुकदमा आज भी अदालत में विचाराधीन है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने मंगलवार सुबह 10 बजे अपने कार्यालय में बार पदाधिकारियों को बुलाकर बैठक करने की बात कही।
मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री नरेश दत्त शर्मा ने बताया कि उन्होंने बार अध्यक्ष मांगेराम के साथ जिला जज से भी इस विषय में बातचीत की। बताया कि इस भवन का मामला जज खफीफा के न्यायालय में विचाराधीन है।
धरना प्रदर्शन में एमपी शर्मा, अजय त्यागी, गजेंद्र सिंह धामा, अशोक शर्मा, गजेंद्रपाल, उदयवीर राणा, डीडी शर्मा, राजेंद्र जानी, अनिल जंगाला, संजय शर्मा, देवकी नंदन शर्मा, नरेश त्यागी, सरताज आलम, सचिन चौधरी, सतीश रूहासा, गिरजेश शर्मा, अजय मान, सुनील मलिक, झम्मन सिंह वर्मा, तुषार गुप्ता, अंकुर शर्मा आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।