उन्होंने कहा कि गोमती रिवर फ्रंट परियोजना को नमामि गंगे परियोजना से संबद्ध करने का प्रयास होना चाहिए था। साथ ही 2019 में प्रयाग में होने वाले अर्द्धकुंभ को भी ध्यान में रखकर गंगा की सफाई और संरक्षण पर काम होना चाहिए।
इस दौरान केंद्रीय जल संसाधन नदी विकास एवं गंगा संरक्षण सचिव अमरजीत सिंह ने नमामि गंगे परियोजना के तहत चल रही परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी भी दी।
केंद्रीय सचिव ने बताया कि कानपुर व उन्नाव जैसे स्थानों पर लगीं चमड़ा उद्योग इकाइयों से काफी प्रदूषण है। इनको एक क्लस्टर मानते हुए प्रदूषण नियंत्रण का प्रयास होना चाहिए।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से कानपुर तथा कन्नौज जनपदों में चल रही चमड़ा उद्योग इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से शिफ्ट करने का फैसला लिया जा चुका है।