अब तक आठ प्रतिशत हुई धान खरीद

धान खरीद समय सीमा में 26 दिन ही बचे हैं, लेकिन अभी तक धान खरीद लक्ष्य के सापेक्ष आठ प्रतिशत ही हो पाई है। अधिकांश धान क्रय केंद्रों के क्रय केंद्र प्रभारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैए से किसानों को फसल बेचने के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर काटना पड़ रहा है। परेशान किसानों को अपने फसल क औने पौने दाम में बेचना पड़ रहा है। शिकायत के बाद भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।destroyed-paddy-crop_1475950934
 
 किसानों को धान की फसल का  उचित मूल्य दिलाने के लिए धान खरीद योजना शुरू की गई है। समर्थन मूल्य कामन  धान 1470 तथा ग्रेड ए 1510 रुपया निर्धारित किया गया है। कई वर्षो से  योजना का लाभ न मिल पाने से किसानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा  रही है। धान खरीद के लिए जिले में 49 धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं। धान  खरीद का लक्ष्य 40200 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। शासन की ओर से धान खरीद समय सीमा जैसे-जैसे नजदीक आ रही है,
किसानों की धड़कनें तेज हो गई है। घर पर रखी धान की फसल खराब होने से किसानों की चिंता बढ़ती ही जा रही है। धान खरीद28 फरवरी तक की जानी है। अभी तक 40200 मीट्रिक टन के सापेक्ष 3393.15एमटी खरीद हो पाई है। क्रय एजेंसियों द्वारा की गई खरीद पर नजर डाला जाए तो विपणन शाखा 862.92 एमटी, पीसीएफ 328.30एमटी, यूपी एग्रो 80.90 एमटी तथा एफसीआई 120.68 एमटी सहित 3393.15एमटी खरीद धान खरीद की गई है।
क्रय केंद्र प्रभारियों के उदासीन कार्यप्रणाली से अधिकांश क्रय  केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा है। विभागीय अभिलेखों में क्रय केंद्रों पर  किसान न आना बताया जा रहा है। 15 से अधिक क्रय केंद्रों पर अभी तक एक छटांक खरीद  नहीं हो पाई है। किसानों की मानें तो क्रय केंद्र प्रभारियों द्वारा धान  मानक के अनुरुप न होना या मिल का एलाट न होना आदि बहाना बनाकर किसानों को  बैरंग लौटा दे रहे हैं। जबकि धान खरीद समय सीमा में मात्र 26 दिन ही शेष हैं।किसानों की मानें तो  क्रय केंद्र प्रभारी आढ़तियों के माध्यम से धान  खरीदवा रहे हैं। आढतिया किसानों को सरकारी रेट 1410 रुपये के सापेक्ष एक  हजार रुपया ही दे रहे हैं।
बड़े किसान तो अपना धान घर पर रखे हुए हैं। जबकि  छोटे किसान अपनी उपज को औने पौने दाम में बेचने को विवश हैं। इस संबंध में  किसान रामनारायन यादव, राकेश सिंह, हरिहर सिंह, सूर्यनाथ सिंह, लल्लन यादव  का कहना है कि शासन प्रशासन के उदासीन रवैए से किसानों को  उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। शिकायत के बाद भी क्रय केंद्र  प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण कराया जाएगा। निरीक्षण में लापरवाह क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिवकुमार शर्मा, अपर जिलाधिकारी
 
 

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