अनुभवी भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने विराट कोहली का बचाव करते हुए कहा कि कप्तान ने केवल अपनी राय व्यक्त की थी कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल एक टेस्ट के बजाय ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ सीरीज होना चाहिए, लेकिन कभी इसके फॉर्मेट को बदलने की मांग नहीं की थी। न्यूजीलैंड ने इस महीने के शुरू में साउथम्पटन में शुरुआती डब्ल्यूटीसी फाइनल में भारत को आठ विकेट से हराया था। हार के बाद कोहली ने कहा था कि दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का निर्णय शुरुआती चरण में हुए एकमात्र टेस्ट मैच के बजाय ‘बेस्ट ऑफ थ्री’ (तीन मुकाबले) से होना चाहिए।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘मैंने सुना कि लोग कह रहे हैं कि विराट कोहली ने कहा है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए तीन टेस्ट खेले जाने चाहिए, लेकिन यह हास्यास्पद है।’ मैच खत्म होने के बाद माइकल एथर्टन (इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और मशहूर क्रिकेट लेखक) ने उनसे पूछा कि वे डब्ल्यूटीसी में क्या चीज अलग तरह से कर सकते थे। अश्विन ने कहा, ‘विराट ने इस विशेष संदर्भ में उत्तर दिया कि अगर तीन मैच खेले जाते हैं, तो एक टीम के लिए परिस्थितियों के अनुकूल होना और वापसी संभव होती है। लेकिन उन्होंने इसकी मांग नहीं की थी।’
डब्ल्यूटीसी टीम का हिस्सा रहे भारतीय खिलाड़ी इस समय तीन हफ्ते के ब्रेक पर हैं, जिसके बाद वे चार अगस्त से नॉटिघंम में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए 14 जुलाई को इकट्ठा होंगे। अश्विन को लगता है कि यह ब्रेक खिलाड़ियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हम इस दौरान जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में रहे। इसलिए लंबे समय के बाद हम बाहर निकले और ताजा हवा ले सके।’
अश्विन ने खुलासा किया कि न्यूजीलैंड की टीम ने आधी रात तक डब्ल्यूटीसी जीत का जश्न मनाया और साथ ही कहा कि उनका जश्न देखना काफी मुश्किल था। उन्होंने कहा, ‘मैच में जीत के बाद न्यूजीलैंड में ट्रॉफी के साथ जश्न मनाने का रिवाज है और ड्रेसिंग रूम में कुछ ‘ड्रिंक्स’ भी होती है। यह देखना काफी अलग था। उन्होंने 12 बजे तक जश्न मनाया। वे पिच पर भी पहुंच गए। यह देखना काफी निराशाजनक था, क्योंकि हम फाइनल नहीं जीत सके थे।’